रायपुर, 31 अगस्त (वेदांत समाचार)। हर तरह के मामलों की बारीकी से विवेचना करने के निर्देश के बाद भी जांच में लापरवाही बरतने वालों को मैसेज देने एसएसपी संतोष सिंह ने स्थानीय भाजपा नेता की खुदकुशी मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर विधानसभा टीआई को लाइन अटैच करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही शराब की अवैध खरीद-बिक्री में तीन आरक्षकों की संलिप्तता की बात सामने आने पर एसएसपी ने तीन आरक्षकों को भी निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने विधानसभा टीआई मुकेश शर्मा को लाइन अटैच करने का आदेश जारी किया है।
बेटा समीर ने पड़ोस में रहने वाले जगन तथा अर्जुन के खिलाफ अपने पिता के साथ मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जगन तथा अर्जुन संतोष पर केस वापस लेने दबाव बना रहे थे। इस बात की भी संतोष ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। लगातार धमकी से परेशान संतोष ने ट्रेन के सामने कूदकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने के पूर्व संतोष ने एक सुसाइड नोट लिखा है।
खुदकुशी करने वाला स्थानीय भाजपा नेता
इस बात की जानकारी शराब कोचियों को मिल गई। इसके बाद शराब कोचियों ने संतोष के साथ मारपीट की। मारपीट की घटना के बाद लगातार मिल रही धमकियों के बाद पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ किसी तरह से कार्रवाई नहीं होने से संतोष ने आत्मग्लानी के चलते सुसाइड कर लिया। पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है।
तीन कांस्टेबल सस्पेंड
एसएसपी ने विधानसभा टीआई की लाइन अटैच करने की कार्रवाई के साथ पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में संचालित डॉयल-112 में तैनात आरक्षक प्रकाश ओगरे, प्रमेश देवागंन तथा विधानसभा थाना क्षेत्र के दोंदेकला में तैनात आरक्षक देवानंद वर्मा को निलंबित किया है। इन तीनों की शराब की अवैध खरीदी-बिक्री में संलिप्तता पाए जाने पर एसएसपी ने निलंबित किया है।
सुसाइड नोट मिला है
ग्रामीण एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि, संतोष पटेल के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में मृतक ने दो से तीन लोगों के खिलाफ आरोप लगाए है। सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है।
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