⭕ स्वस्थ शरीर और मजबूत मन, खेलों से मिलता है जीवन का धन-डॉक्टर संजय गुप्ता
⭕ खेलों में अनुशासन और टीमवर्क से मिलती है असली जीत-डॉक्टर संजय गुप्ता
⭕ खेल भावना हमें सिखाती है कि हर जीत के पीछे एक ईमानदार कोशिश होती है-डॉक्टर संजय गुप्ता
कोरबा, 29 अगस्त (वेदांत सामाचार)। हर बच्चे में कुछ ना कुछ प्रतिभा और गुण होते हैं।उन प्रतिभाओं और गुणों को बाहर लाने और दुनिया के सामने प्रस्तुत करना स्कूलों या संस्थानों का मौलिक कर्तव्य है।वास्तव में बच्चों के जीवन में खेल एवं प्रतियोगिताओं से अनेक लाभ हैं।इससे इनका विकास स्वस्थ तरीके से होता है।एक्टिव बच्चों में संज्ञानात्मक कौशल का विकास तीव्रता से होता है।निष्क्रिय बच्चों की तुलना में वे अच्छी तरह से ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं और अपने मष्तिष्क का उपयोग भी अधिक अच्छी तरह से कर पाते हैं।यह एक अति विशेष कारण है।अतः हमें अपने बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
बच्चों में सामाजिक कौशलों एवं टीम भावना एवं सामूहिक कार्यों की भावना को प्रतिस्थापित करने के लिए दीपका स्थित आई0पी0एस0(इंडस पब्लिक स्कूल ) निरंतर प्रयासरत है।इसी कड़ी में राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय प्रांगण में बच्चों के लिए विविध खेलों का आयोजन किया गया।प्री-प्रायमरी कक्षा के बच्चों के लिए थ्रो बॉल तो वहीं सीनियर बच्चों के लिए खो-खो;फुटबॉल,कबड्डी ,तथा वॉलीबॉल का आयोजन किया गया।बच्चों ने सभी खेलों में उत्साह के साथ भाग लिया एवं अच्छी टीम भावना का प्रदर्शन किया। तथा विजेता टीम प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता के द्वारा पुरस्कृत किया गया।
कबड्डी के मैच में सफायर हाउस ने टोपाज हाउसको शिकस्त दी।सफायर हाउस ने 34 अंकों के साथ प्रारंभ से ही बढ़त बना ली थी। टोपाज हाउस 14 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही। वहीं वॉलीबॉल के मैच में रूबी हाउस ने अपना दमखम दिखाया और एमराल्ड हाउस को चारों खाने चित किया। राष्ट्रीय खेल दिवस पर विद्यालय में आयोजित विविध खेलों के माध्यम से बच्चों ने मेजर ध्यानचंद के बारे में एवं उनके खेल से संबंधित परिचय प्राप्त किया साथ ही सामूहिक खेलों से बच्चे यह सीखते हैं कि किस प्रकार हम समूह में होकर अपनी टीम की जीत में योगदान दे सकते हैं।
क्रीड़ा शिक्षिका सुश्री कीर्ति ने बताया कि भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में खेलों को प्रोत्साहित करना और खिलाड़ियों को सम्मानित करना है।
खेल प्रशिक्षक लीलाराम यादव ने कहा कि राष्ट्रीय खेल दिवस का वार्षिक उत्सव समग्र कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने में खेलों के महत्व की याद दिलाता है। यह इस बात पर जोर देता है कि आत्म-नियंत्रण, आत्म-अनुशासन, नेतृत्व गुण और टीम वर्क विकसित करने के लिए एथलेटिक्स कितने महत्वपूर्ण इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि बच्चों में सामाजिक कौशल का विकास करना शिक्षण संस्थान का उद्देश्य है और अन्य बच्चों के साथ खेलने से उनमें टीम भावना के साथ सामाजिक भावना का भी विकास होता है।मेजर ध्यानचंद के बारे में बच्चों को बताते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि मेजर ध्यानचंद ना केवल भारत के श्रेष्ठ खिलाड़ी थे वरन सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किये हैं।हम सभी उनका जन्मोत्सव विश्व खेल दिवस के रुप में मनाते हैं।
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