Korba: दर्री डैम का तीन गेट खुला.. हांफने लगा हसदेव, निचली बस्तियां जलमग्न…गेट नम्बर 3 चार फीट 6 दस फीट और 7 नम्बर 3 फीट से छोड़ा जा रहा 22720 क्यूसेक पर सेकेंड पानी

0. हसदेव नदी में आई बाढ़ की चपेट में कई घर, लोगों ने छोड़ा मकान, इलाके में अफरा-तफरी का माहौल

कोरबा,24 अगस्त (वेदांत समाचार)। कोरबा में लगातार हो रही बारिश के चलते कोरबा जिले सीतामढ़ी के निचली बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हसदेव नदी में बढ़ आ गई है। दर्री बांध से जल का भराव कम करने के लिए यहाँ से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे सीतामणी में नदी किनारे बसी बस्तियों में बाढ़ आ गयी है। यहाँ से लोग अपने घर से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे है।स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक से हसदेव नदी का जलस्तर भर गया जहां देखते ही देखते घर डूबने लगे कुछ लोग घर छोड़कर भाग गए वहीं कुछ लोग सामान दूसरे जगह शिफ्ट करने लगे।दर्री डेम से बिना सूचना के अचानक पानी छोड़ा गया जिसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई है। लगभग इस सीतामणी इलाके के आधा दर्शन मकान इसकी चपेट में आ गए है।

कोरबा के सीतामणी चौक के सामने बसी बस्ती में हालात बिगड़ने लगे है। बस्ती में नदी का पानी घुस गया है जिससे कई घर डूब गए है। सुबह 12 बजे आए बाढ़ की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई वैसे ही बस्ती में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने में जुट गए।

बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर जिस तरह से बाढ़ की स्थिती निर्मित हुई है उसे लेकर क्षेत्रीय पार्षद ने प्रशासन की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़े किया है। उनका कहना है कि बिना सूचना दिए बांध से नदी में पानी छोड़ दिया गया जिससे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला।

कोरबा जिले के एक छोर पर स्थित बांगो बांध के जलस्तर में 95 फीसदी भराव होने के कारण दर्री बांध का पानी भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है यही वजह है, कि यहां के दो गेट खोलकर हजारों क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा है। दो गेट में से एक गेट से चार फीट वही दूसरे गेट पांच फीट पानी छोड़ा गया है। बाढ़ के खतरे को देखते प्रशासन की ओर से बस्ती में जाकर किसी प्रकार की जानकारी सूचना नहीं दिया गया।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]