नईदिल्ली,17 अगस्त (वेदांत समाचार): विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में महिला कुश्ती 50 किलोग्राम कैटेगरी में भाग लिया था. मगर सामान्य तौर पर उनका वजन 55-56 किलो होता है, वहीं उन्हें अपने अधिकांश करियर में 53 किलोग्राम कैटेगरी में खेलते देखा गया. उनके लिए 53 किलो वजन नियंत्रण में रखना आसान होता, फिर भी आखिर उन्होंने पेरिस ओलंपिक्स की 50 किलो भारवर्ग में भाग क्यों लिया, आखिर क्या है इसके पीछे का रहस्य?
क्या है नियम, ओलंपिक ट्रायल में क्या हुआ?
दरअसल 12 मार्च 2024 की तारीख, जब पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान में कुश्ती के ट्रायल हुए थे. भारतीय पहलवान ने उस ट्रायल में 53 किलो के साथ-साथ 50 किलो भारवर्ग के ट्रायल में भी भाग लिया था. उस समय विनेश 50 किलो भारवर्ग के ट्रायल में जीत जाती हैं, वहीं 53 किलो कैटेगरी के टॉप-4 में रहती हैं.
टॉप-4 में रहने का अर्थ यह नहीं कि विनेश 53 किलोग्राम कैटेगरी में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकती थीं. नियम कहता है कि टॉप-4 में रहने वाले पहलवानों के बीच मुकाबले करवाए जाएंगे, जिनमें सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले पहलवान को ओलंपिक के लिए भेजा जाता है. यानी विनेश 53 किलो कैटेगरी में भी भाग ले सकती थीं, लेकिन नियमों की अस्पष्टता के कारण विनेश के सामने शायद असमंजस की स्थिति थी.
विनेश ने 53 किलोग्राम में क्यों नहीं गईं
दरअसल अंतिम पंघाल 2023 कुश्ती वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर आई थीं. मेडल जीतने का मतलब ये नहीं कि अंतिम पंघाल को पेरिस ओलंपिक्स में सीधी एंट्री मिल गई थी. भारतीय कुश्ती महासंघ के नियमानुसार ट्रायल में टॉप-4 में आने वाले पहलवान क्वोटा मिलने वाले पहलवानों से भिड़ते हैं. यानी अंतिम पंघाल की पेरिस ओलंपिक्स में जगह पक्की नहीं थी. ऐसे में अंतिम पंघाल को ट्रायल मुकाबले में विनेश से भिड़ना पड़ सकता था, लेकिन तभी WFI की एक मीटिंग हुई.
नहीं हो पाए ट्रायल
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने एक मीटिंग की और ओलंपिक्स से कुछ समय पूर्व ही संजय सिंह को नया अध्यक्ष बनाया जा चुका था. इस बीच WFI ने एलान किया कि पेरिस ओलंपिक्स के लिए कुश्ती में ट्रायल नहीं करवाए जाएंगे. इससे अंतिम पंघाल को कोटा के कारण सीधे तौर पर पेरिस ओलंपिक्स की 53 किलोग्राम कैटेगरी प्रतिस्पर्धा में एंट्री मिल गई थी.
ऐसे में विनेश के सामने दो विकल्प थे. या तो वो 50 किलो या फिर 57 किलो कैटेगरी का चयन करें. विनेश ने 50 किलो कैटेगरी को चुना. दरअसल ट्रायल ना होने के कारण विनेश फोगाट असमंजस में थीं, वहीं टोक्यो ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल विजेता रहे रवि दहिया और महिला 57 किलोग्राम भारवर्ग में सरिता मोर भी ओलंपिक्स में जगह नहीं बना सकी थीं.
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