नई दिल्ली I संसद में आज संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल पेश कर दिया है। इस पर कांग्रेस और सपा के सांसंदों ने आपत्ति की और कांग्रेस और सपा के सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया। सपा सांसद मोहिबुल्ला ने कहा है कि ये हमारे धर्म में दखलअंदाजी है।
किरेन रिजिजू ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज दिया जाए। इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा। असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर डिवीजन की मांग की। स्पीकर ने कहा कि इस पर डिवीजन कैसे बनता है। ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से डिवीजन की मांग कर रहे हैं।
किरेन रिजिजू ने कहा कि हम भागने वाले नहीं हैं। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस बिल को यहां से पास कर दीजिए, इसके बाद इसमें जो भी स्क्रूटनी करनी हो, हम तैयार हैं। ये बिल आप जेपीसी बनाकर उसे भेज दीजिए। हर दल के सदस्य उस कमेटी में हों, जो भी स्क्रूटनी करना चाहें, हम तैयार हैं। किरेन रिजिजू ने मुसलमान वक्फ रिपील बिल पेश किया।
किरेन रिजिजू ने कहा कि मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 पूरे देश में लागू हुआ जिसमें बलूचिश्तान और संथाल परगना भी शामिल हैं। ये एक्ट एप्लिकेबल नहीं है। इसलिए इसे रूल बुक में ही नहीं रहना चाहिए। अमित शाह ये 1955 के बिल और 2013 के संशोधन के बाद अस्तित्व में ही नहीं है। इसे हम कागज से निकाल रहे हैं। इसमें विपक्ष को आपत्ति नहीं होना चाहिए।
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