रायपुर,29 जुलाई। विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस से बदसलूकी के आरोप में महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में महापौर ढेबर ने सोमवार को रायपुर एसएसपी से मुलाकात की और उन्होंने प्रदर्शन में शामिल 25000 लोगों पर भी एफआईआर दर्ज करने या फिर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को शून्य करने की मांग की। अपनी मांग न माने जाने पर महापौर ने आत्महत्या की धमकी भी दी।
दरअसल 24 जुलाई को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शासन के विरुद्ध विभिन्न मुद्दों को लेकर बिना अनुमति के विधानसभा घेराव करने का प्रयास किया था। इस दौरान साहू फर्निंचर बैरिकेडिंग नंबर 2 विधानसभा के पास रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया था। एफआईआर के अनुसार, महापौर एजाज ढेबर, आशीष द्विवेदी और अन्य कार्यकर्ताओं ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल के साथ गाली-गलौज की, झूमा-झटकी की और मारपीट की। इस घटना के चलते शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
महापौर की मांगें और आत्महत्या की धमकी
महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर एसएसपी से मुलाकात के दौरान प्रदर्शन में शामिल सभी 25000 लोगों पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को शून्य नहीं किया गया, तो वे आत्महत्या करेंगे। इस मुलाकात के दौरान पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, एमआईसी सदस्य और कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
पुलिस की प्रतिक्रिया
सिविल लाइन थाना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस के नेताओं ने महापौर के समर्थन में बयान जारी किए हैं, जबकि विपक्षी दलों ने इसे कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति का प्रतीक बताया है।
यह मामला अब कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर गंभीर रूप से उभर रहा है। महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने और आत्महत्या की धमकी देने के बाद पुलिस और प्रशासन पर इसे सुलझाने का दबाव है। आगे की कार्रवाई और जांच के परिणाम महत्वपूर्ण होंगे।
[metaslider id="347522"]