चोटिया खदान में बालको वेदान्ता के खिलाफ 300 मजदूर व ऑपरेटर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में बैठे

कोरबा,27 जुलाई 2024। कोरबा जिले के वेदंता ग्रुप के बाल को प्लांट भारत अल्युमिनियम कंपनी के लिए सरकार ने कोयला खदान कर आवंटन किया था। जिससे भारत अल्युमिनियम कंपनी अपनी कोयले की कमी को पूरी कर सके, लेकिन भारत अल्मुनियम कंपनी वेदांता ने चोटिया कॉल मइंस को हमेशा डमी माइंस के रूप में उपयोग किया। जिसका खामियाजा समय समय पर वहां काम कर रहे लोगों पर पड़ता है । जैसे आज की घटना में चोटिया कॉल माइंस के 300 आपरेटरों और मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन। बालको वेदांता द्वारा समय से पहले खदान बंद करने को लेकर किया जा रहा धरना।

डेको कम्पनी (धनसार इंजिनियरिंग कम्पनी)  द्वारा उत्तखनन कर बालको वेदांता को कि जा रहि थी कोयले कि आपूर्ति।बता दे कि बालको वेदांता ने 3 साल का टेंडर लेकर सभी मजदूरों व आपरेटरों को काम पे रखा था, लेकिन अधिक वाहन व जल्द से जल्द कोयले कि आपूर्ति करने के लिए टेंडर अवधि से पहले ही काम समाप्त कर दिया गया, वही अब सभी आपरेटर व मजदूरों को रोजी रोटी कि चिंता सताने लगी है। सभी कि मांगे हैं कि या तो 14 महीने का मजदूरी भुगतान करें या टेंडर अवधि तक कार्य करें,ज़ब तक मांगे पूरी नहीं होंगी धरना प्रदर्शन जारी रहने कि बात कही, मौके पर बांगो पुलिस, मोरगा व कोरबी चौकी पुलिस बल उपस्थित हो कर प्रदर्शन पर काबू करने का प्रयास कि जा रही है।

वेदांता भारत अल्युमिनियम कंपनी बालकों क्यों नहीं है कोयले की कमी

भारत अल्युमिनियम कंपनी वेदांता को SECL से भरपूर मात्रा में कोयला मिल जाता है। और वह भी सस्ते दामों पर जिसके कारण वेदांता कंपनी अपने कोल माइंस चोटिया खदान से कम मात्रा में कोयला खनन करता है। क्योंकि चोटिया कॉल माइन से कॉल उत्खनन करने में वेदांता कंपनी को कोयला महंगा पड़ता हैं।