Gold Silver Prices : 6700 सस्ता हुआ सोना, चांदी की चमक भी पड़ी फीकी, क्या निवेश के लिए यही है सही समय?

Gold Silver Prices : सोना-चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. सोना लगभग 6700 रुपये सस्ता हो चुका है. वहीं चांदी की भी चमक फीकी पड़ी है. चांदी की कीमतों में 13000 रुपये की गिरावट आ चुकी है. सोना-चांदी हमेशा से ही निवेश के लिए भारत में लोगों की पहली पसंद रही है, इसके बड़ी वजह ये है कि लोगों का मानना है कि सोना-चांदी बुरे वक्त में काम आता है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि सोना-चांदी में निवेश के लिए क्या यही समय है… सही समय है. बता दें कि बजट पेश होने से पहले तक सोना-चांदी की कीमतें आसमान को छू रही थीं. 10 ग्राम सोना की कीमत 74 हजार तो चांदी की कीमत 90 हजार रुपये किलो के पार पहुंच गई थीं.

सोने-चांदी का ताजा भाव 

सोने-चांदी का ताजा भाव शुक्रवार की शाम 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 68131 रुपये तक पहुंच गई है. चांदी फिलहाल 81271 प्रति किलो है. वहीं, गुरुवार की शाम 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत  68227 रुपये थी, जो शुक्रवार को घटकर 68131 रुपये हो गई. इसी तरह से चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई. चांदी का दाम गुरुवार को 81474 रुपये किलो था, जो शुक्रवार को घटकर 81271 रुपये किलो हो गया.

सोना-चांदी में निवेश का सही समय?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिस तरह से सोना-चांदी का भाव गिरा है, उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में भी ये गिरावट जारी रहेगी. जब कीमते गिर रही हैं, तो लोग सोना-चांदी में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि ये हमेशा से ही इन्वेस्टमेंट के लिए सुरक्षित माना जाता रहा है. उनका कहना है कि सोना-चांदी में निवेश का ये सही समय है! अगर आप सोना-चांदी में निवेश का मन बना रहे हैं, तो थोड़ा-थोड़ा करके खरीद सकते हैं. 

संकट का सहारा सोना-चांदी

मान लीजिए आप दो लाख रुपये सोना चांदी में निवेश करना चाहते हैं. तो भी आप 80 हजार रुपये अभी निवेश कर सकते हैं. अगर आने वाले समय में कीमतों में और गिरावट आती है तो बाकी बचे 1 लाख 20 हजार रुपये से बाद में सोना-चांदी खरीद सकते हैं. सोना-चांदी में निवेश किया गया पैसा कभी भी घाटे का सौदा नहीं माना जाता है. सोने को हमेशा से संकट का सहारा माना जाता है. ये बात हम और आप भलीभांति जानते हैं कि जब कोई इमरजेंसी सामने होती है, तब हम सोना-चांदी बेचकर या फिर उसे गिरवी रखकर उस संकट से बाहर निकले हैं.  

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