नई दिल्ली। भारत के पूर्व क्रिकेटर रोबिन उथप्पा (Robin Uthappa) भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच गौतम गंभीर की अगुआई में खेल चुके हैं। श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में गंभीर का पहला दौरा है। उथप्पा का मानना है कि यह दौरा युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण और स्वयं को साबित करने वाला होगा। साथ ही कोच गंभीर को लेकर उन्होंने बताया कि वह आगे की सोचते हैं, जो उन्हें अलग बनाता है। सुकांत सौरभ ने रोबिन उथप्पा से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश..
सवाल- टी-20 में अलग कप्तान, वनडे में अलग और नए कोच की अगुआई श्रीलंका दौरे से भारतीय क्रिकेट के एक नए युग का प्रारंभ हो रहा है। इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब- यह बहुत ही रोचक समय है। युवाओं के लिए यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। टीम में स्थान बनाने के लिए भी यह जरूरी है। युवाओं पर प्रदर्शन करने का दबाव होगा। हमेशा जब कोई नया कप्तान और नया कोच आता है तो खिलाड़ियों को पता होता है कि चीजें बदलेंगी। एक-दो दौरे के बाद यह पता चल जाएगा कि स्थायी टीम क्या होगी, इसलिए यह सीरीज बहुत महत्वपूर्ण है। गौतम गंभीर की बात करूं तो वह थोड़ा आगे की सोचते हैं। मैंने उनके नेतृत्व में खेला है तब भी वह एकाध ओवर आगे की सोचते थे। कोच के रूप में भी वह आगे की सोच को ध्यान में रखकर ही निर्णय लेंगे। यही उन्हें अलग बनाता है।
सवाल- सूर्यकुमार अब टी-20 के नए कप्तान हैं। हार्दिक को न कप्तानी मिली और न वनडे में जगह। आपके अनुसार क्या इसका प्रभाव टीम पर पड़ेगा?
जवाब- टी-20 में टीम में सूर्यकुमार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह बहुत ही परिपक्व हैं। गौतम गंभीर के साथ उनका संबंध भी बहुत अच्छा रहा है। वह अपना दायित्व बखूबी निभाते हैं। मेरे अनुसार यह एक सकारात्मक पहल है। हार्दिक के कार्यभार प्रबंधन को ध्यान में रखकर भी यह पहल की गई है। मुझे नहीं लगता है कि उनका दायित्व कम होने वाला है, पर कप्तानी का अतिरिक्त दबाव प्रबंधन उन्हें नहीं देना चाहता है। तेज गेंदबाजी आलराउंडर भारत में बहुत कम रहे हैं और उनपर स्वयं बहुत दबाव होता है।
हार्दिक के चोटिल होने की संभावना अधिक होती है, इसे भी ध्यान में रखा गया है। वनडे में उन्हें स्थान नहीं मिलने का कारण मुझे लगता है कि कार्यभार प्रबंधन ही है।
सवाल- गुरु गंभीर पर क्या भारतीय टीम का कोच होने का अतिरिक्त दबाव होगा? उनके कार्यकाल में टीम को कई बड़े टूर्नामेंट खेलने हैं। क्या हम कई इतिहास बनते देखेंगे?
जवाब- मुझे लगता है कि दर्शक के रूप में हमें अपनी गलतियों से सीखना भी चाहिए। हमारे खिलाडि़यों, कोच सब भी बहुत दबाव होता है। आप अगर ये टी-20 विश्व कप छोड़ दें तो हमने इससे पहले तक राहुल भाई (द्रविड़) के बारे में ज्यादा अच्छी बातें नहीं की है। मेरे हिसाब से हमें धैर्य रखना चाहिए। इस नई टीम, कोच और कप्तान सभी को स्थिरता प्राप्त करने का समय देना चाहिए क्योंकि जब भी नेतृत्व बदलता है यह मानव स्वभाव है कि संतुलित होने में समय लग जाता है। हम सर्वश्रेष्ठ की आशा करेंगे, परंतु उन्हें थोड़ा समय देना सबसे जरूरी है।
सवाल- श्रीलंका दौरे पर रुतुराज और अभिषेक के चयन नहीं होने को आप कैसे देखते हैं? क्या उनका टीम में स्थान बनाना मुश्किल है?
जवाब- जब भी नेतृत्व बदलता है आप सभी को खुश नहीं कर सकते हो। मुझे भरोसा है कि रुतुराज क्योंकि स्वयं कप्तान हैं इस बात को समझ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि वह दौड़ से बाहर हैं। उन्होंने जिंबाब्वे में दिखाया है कि उनका क्लास क्या है। मुझे यकीन है कि वह वापस टीम में आएंगे और गौतम गंभीर और रोहित शर्मा अच्छे खिलाडि़यों को टीम से बहुत दिनों तक बाहर नहीं रखते हैं।
यह केवल समय की बात है अभी नेतृत्व बदला है इसलिए एक सु²ढ़ टीम बनने में थोड़ा समय लगेगा। मुझे लगता है कि यह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अच्छी समस्या है कि हमारे पास इतने अच्छे खिलाड़ी हैं कि कई अच्छे खिलाड़ी हमारे बैकअप में हैं। यही बात अभिषेक शर्मा पर भी लागू होती है। उनके लिए भी यह केवल कुछ समय की बात है। वह भी जल्द टीम का हिस्सा होंगे। हालांकि, अगर आप चारों ओपनर की तुलना करेंगे तो हमें पता है कि शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल हमारी पहली पसंद होंगे। शुभमन भारत के भविष्य हैं। वह आने वाले समय के कप्तान हैं।
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