MP सरकार का बड़ा फैसला: आवारा कुत्तों से निपटने के लिए 7 आईएएस अफसरों की समिति गठित

मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल और प्रदेश के अन्य शहरों में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल के दिनों में आवारा कुत्तों के शिकार होने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सरकार ने 7 वरिष्ठ आईएएस अफसरों की एक समिति बनाई है, जो प्रदेश भर में इस समस्या के समाधान के लिए काम करेगी।

आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर सरकार की सक्रियता

सड़क, सदन और मंत्रालय में आवारा कुत्तों के उत्पात से परेशान लोगों की समस्याओं को देखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार ने सात वरिष्ठ आईएएस अफसरों की एक समिति का गठन किया है, जो आवारा कुत्तों की निगरानी और समस्या के समाधान के लिए जिम्मेदार होगी। यह समिति आवारा कुत्तों के प्रबंधन और रोकथाम के लिए ठोस उपायों पर ध्यान देगी।

आवारा कुत्तों की समस्या की गंभीरता

मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने आवारा कुत्तों के नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया है, जिसके तहत सात आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कई वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है जो इस समस्या के समाधान के लिए कार्य करेंगे। प्रदेश में आवारा कुत्तों की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि मंत्रालय परिसर तक में कुत्तों का आंतक देखा गया है।

आवारा कुत्तों के हमलों से प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या

भोपाल में अकेले रोजाना कुत्तों के काटने के औसतन 55 मामले अस्पतालों में सामने आ रहे हैं। पिछले सालभर में 21,000 से ज्यादा कुत्तों के काटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में कुत्ते के काटने की कुल 8,124 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 16,387 हो गई। 2024 के पहले पांच महीनों में भी कुत्तों के काटने के 7,728 मामले सामने आए हैं। पिछले पांच सालों में आवारा कुत्तों ने पांच मासूमों की जान भी ले ली है।

प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया और विपक्ष की आलोचना

सरकार ने इन आंकड़ों को देखते हुए गंभीरता से कदम उठाया है और कुत्तों के हमलों को नियंत्रित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की समिति का गठन किया है। पशुपालन विभाग के मंत्री लखन पटेल ने कहा कि, “हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, इसलिए हमने यह समिति बनाई है।” हालांकि, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार की आलोचना की है और इसे सरकारी विफलता के तौर पर देखा है।

आवारा कुत्तों के शेल्टर होम की स्थिति

भोपाल नगर निगम के शेल्टर होम में आवारा कुत्तों की संख्या उनकी क्षमता से अधिक हो गई है। राजधानी में कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अस्पतालों में लोग रेबीज के इंजेक्शन लगाने के लिए लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं। इस स्थिति के मद्देनजर पीपुल्स फॉर एनिमल जैसी संस्थाओं ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि समिति इस समस्या का समाधान निकाल सकेगी।

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