0 मतदान लोकतंत्र की मजबूती हेतु आवश्यक,मतदान से किसी राष्ट्र की दशा और दिशा तय होती है – डॉक्टर संजय गुप्ता।
कोरबा, 20 जुलाई । राज्य के नागरिकों को देश के संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार चलाने के हेतु, अपने प्रतिनिधि निर्वाचित करने के अधिकार को मताधिकार कहते हैं। जनतांत्रिक प्रणाली में इसका बहुत महत्व होता है। लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक वयस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत का अधिकार प्रदान किया जाय। जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है। इस प्रकार हमारा देश संसार के जनतांत्रिक देशों में सबसे बड़ा है क्योंकि हमारे यहाँ मताधिकार प्राप्त नागरिकों की संख्या विश्व में सबसे बड़ी है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 एक सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को निर्वाचित सरकार के सभी स्तरों के चुनावों के आधार के रूप में परिभाषित करता है। सर्वजनीन मताधिकार से तात्पर्य है कि सभी नागरिक जो 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के हैं, उनकी जाति या शिक्षा, धर्म, रंग, प्रजाति और आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं।
नवीन संविधान लागू होने के पूर्व भारत में 1935 के “गवर्नमेंट ऑव इंडिया ऐक्ट” के अनुसार केवल 13 प्रति शत जनता को मताधिकार प्राप्त था। मतदाता की अर्हता प्राप्त करने की बड़ी बड़ी शर्तें थीं। केवल अच्छी सामाजिक और आर्थिक स्थिति वाले नागरिकों को मताधिकार प्रदान किया जाता था। इसमें विशेषतया वे ही लोग थे जिनके कंधों पर विदेशी शासन टिका हुआ था।
अन्य पश्चिमी देशों में, जनतांत्रिक प्रणाली अब पूर्ण विकसित हो चुकी है, एकाएक सभी वयस्क नागरिकों को मताधिकार नहीं प्रदान किया गया था। धीरे धीरे, सदियों में, उन्होंने अपने सभी वयस्क नागरिकों को मताधिकार दिया है। कहीं कहीं तो अब भी मताधिकार के मामले में रंग एवं जातिभेद बरता जाता है। परंतु भारतीय संविधान ने धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत मानते हुए और व्यक्ति की महत्ता को स्वीकारते हुए, अमीर गरीब के अंतर को, धर्म, जाति एवं संप्रदाय के अंतर को, तथा स्त्री पुरुष के अंतर को मिटाकर प्रत्येक वयस्क नागरिक को देश की सरकार बनाने के लिए अथवा अपना प्रतिनिधि निर्वाचित करने के लिए “मत” (वोट) देने का अमूल्य अधिकार प्रदान किया है।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में अध्ययनरत विद्यार्थियों को लोकतंत्र में मताधिकार का महत्व समझाने हेतिविद्यालय की वरिष्ठ अध्यापक मिस तान्या द्वारा विद्यार्थियों के सहयोग से मताधिकार का जीवंत प्रदर्शन करवाया गया।अलग अलग दलों में विद्यार्थी अपने अपने लुभावने भाषणों एवं नारों के द्वारा वोटरों को लुभाने का प्रयास करते दिखे।कोई लुभावने नारों का प्रदर्शन कर कई वादे करते दिखा तो कोई विकास की गंगा बहाने का वायदा कर रहा था। विद्यार्थियों को भी अलग अलग समूह में बांटा गया था।दोनों दल वोटरों को रिझाने की भरपूर कोशिश करते दिखे।
स्कूल में इलेक्शन का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला
इलेक्शन प्रोसेस की यह एक्टिविटी बहुत इंट्रेस्टेड थी।सब ने लोकतंत्र में मतदान का महत्व समझा एवं यह भी जाना कि प्रत्येक वोट कितना कीमती होता है।हमारा वोट बहुमूल्य होता है।हमारे एक वोट से कोई अच्छा और ईमानदार व्यक्ति जीत भी सकता है और हार भी सकता है।वहीं दूसरी ओर एक वोट से कोई भ्रष्ट व्यक्ति पदासीन भी हो सकता है।प्रत्येक वोट देश की दशा और दिशा तय करता है।
विद्यार्थियों को पूरे चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराया गया साथ ही यह भी बताया गया कि किस प्रकार चुने हुए प्रत्यासी शपथ ग्रहण कर विधायक या सांसद बनते हैं। शिक्षिका मिस तान्या ने कहा किमतदान भारत में लोकतंत्र की नींव है। भारत में, प्रत्येक नागरिक को इसमें भाग लेने का अधिकार और जिम्मेदारी है। इस ब्लॉग में, हम मतदान के महत्व, मतदाता पहचान पत्र कैसे प्राप्त करें, कौन मतदान करने के योग्य है, और सूचित विकल्प बनाने के महत्व पर चर्चा करेंगे। इन प्रमुख पहलुओं को समझकर, हम अपने देश के भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं और जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य निभा सकते हैं।
मतदान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पात्र व्यक्ति किसी चुनाव में किसी विशेष उम्मीदवार, विकल्प या निर्णय के लिए अपनी पसंद व्यक्त करते हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम या बैलट पेपर वोटिंग का उपयोग करके किया जाता है। सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाता है, और यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि कौन किसी समुदाय, क्षेत्र या देश का प्रतिनिधित्व करेगा, साथ ही महत्वपूर्ण निर्णयों का परिणाम भी।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मतदान लोकतंत्र की आधारशिला है और भारत के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने के अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देता है। मतदान के माध्यम से, व्यक्तियों को अपने निर्वाचित पदाधिकारियों को उनके कार्यों और नीतियों के लिए जवाबदेह ठहराने की शक्ति मिलती है। मतदान एक निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है तथा सामाजिक और राजनीतिक समानता को बढ़ावा देता है। इससे ऐसी सरकार स्थापित करने में मदद मिलती है जो लोगों की इच्छा और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है। मतदान के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने तथा राष्ट्र के विकास में योगदान देने का अवसर मिलता है।
मतदान समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाता है, तथा उन्हें अपने जीवन को प्रभावित करने वाले मामलों में अपनी बात कहने का अवसर देता है। यह एक जिम्मेदार और उत्तरदायी सरकार के विकास को बढ़ावा देता है, क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा अपने मतदाताओं की चिंताओं को संबोधित करने की अधिक संभावना होती है। उच्च मतदाता मतदान लोकतांत्रिक प्रणाली की वैधता और विश्वसनीयता को मजबूत करता है। मतदान न केवल एक अधिकार है, बल्कि एक नागरिक कर्तव्य भी है और इसका प्रयोग करके व्यक्ति लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेता है और देश की समग्र प्रगति में योगदान देता है। के विद्यार्थी हमारे देश के कल के भविष्य हैं।इन्हें भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव के महत्व को समझना अति आवश्यक है।ये भी कर के नेता और मतदाता हैं।
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