कवर्धा,19 जुलाई। भोरमदेव अभ्यारण्य ने जून 2024 में पहली बार आयोजित बर्ड सर्वे की अपार सफलता के बाद, अब तितली सर्वे का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यह सर्वे 28 से 29 सितंबर तक चलेगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य तितलियों की विभिन्न प्रजातियों की गणना और उनके पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्व को समझना है।
तितली सर्वे का महत्व
भोरमदेव अभ्यारण्य में वर्षा ऋतु के प्रारंभ होते ही यह तितलियों के संसार के रूप में परिणत हो जाता है। यहां तितलियों के जीवन चक्र को समर्थन देने वाले पर्याप्त नेक्टर और होस्ट पौधे उपलब्ध हैं। यह क्षेत्र 120 से अधिक प्रजातियों की तितलियों का घर है, जिसमें कॉमन क्रो, ब्लू पैंसी, लेमन पैंसी, मोरमोन, और लेपर्ड तितलियाँ शामिल हैं। इसके अलावा, यहाँ दुर्लभ ऑरेंज ऑक्लिप्स भी पाई जाती है, जो फोटोग्राफरों और तितली प्रेमियों को आकर्षित करती है।
सर्वे में भाग लेने की प्रक्रिया
इस तितली सर्वे में भाग लेने के लिए वन विभाग ने एक लिंक और QR कोड प्रकाशित किया है, जिसे स्कैन करके रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। शारीरिक रूप से फिट वयस्क व्यक्ति, जो तितली प्रेमी हैं और तितलियों को पहचानने का अनुभव रखते हैं, वे रजिस्टर कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2024 है।
प्राप्त आवेदनों पर भोरमदेव की चयन समिति द्वारा अंतिम प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को 2000 रुपए शुल्क अदा करना होगा। अधिक जानकारी के लिए भोरमदेव अभ्यारण्य की वेबसाइट पर जाएं या सीधे वन विभाग के कार्यालय से संपर्क करें।
भोरमदेव अभ्यारण्य का यह तितली सर्वे तितली प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहाँ वे न केवल तितलियों की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन कर सकेंगे, बल्कि उनके संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को भी समझ सकेंगे।
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