युवा डॅाक्टरों ने जाना पावनखिंड का वैभवशाली इतिहास

0.इंडेक्स मेडिकल कॅालेज में पावनखिंड बलिदान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम

इंदौर,13 जुलाई। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज,मालवांचल यूनिवर्सिटी मेंपावनखिंड बलिदान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर एमबीबीएस के छात्रों ने कविता,गीतों के जरिए मराठा योद्धाओं के गौरवशाली पावनखिंड के इतिहास को बयां किया। इस अवसर पर छात्रों ने बताया कि भारत को मुगल साम्राज्य से मुक्ति दिलाने के लिए महाराष्ट्र के पन्हालगढ़ से विशालगढ़ तक 52 किमी की दौड़ वीर शिवाजी ने दुर्गम रास्ते को तय करते हुए बरसाती रात्रि के कुछ घण्टों में पूरी की थी। वे गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच गए थे, लेकिन रास्ते में मुग़ल सेना से लड़ते हुए 300 मराठा सैनिकों ने बलिदान दिया। मराठा योद्धाओं बाजी प्रभु देशपांडे और संभू सिंह जाधव के साथ बीजापुर सल्तनत के सिद्दी मसूद के खिलाफ 13 जुलाई 1660 को कोल्हापुर शहर के पास विशालगढ़ किले के आसपास के क्षेत्र में एक पहाड़ी दर्रे पर हुई आखिरी लड़ाई थी इसमें मराठा सेना की कमान बाजीप्रभु देशपांडे के हाथ में और आदिलशाही फौज़ की कमान सिद्दी जौहर (सिद्दी मसूद) के हाथ में थी।इस युद्ध में बाजीप्रभु देशपांडे का मुख्य लक्ष्य था शिवाजी के सुरक्षित विशालगढ़ किले पहुँचने तक आदिलशाही सेना को रोके रखना और आदिलशाही सेना का लक्ष्य था किसी तरह से शिवाजी को पकड़ना।कार्यक्रम में मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॅा.संजीव नारंग,इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के डीन डॅा.जीएस पटेल सहित वरिष्ठ शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे। डीन डॅा।जीएस पटेल ने कहा कि पावनखिंड के साथ आज के युवा पीढ़ी को गौरवशाली इतिहास से रूबरू होने की जरूरत है। शिक्षा के साथ हमें भारत के वैभवशाली इतिहास की भी पूरी जानकारी होना चाहिए। आर्यन शिवहरे,रिद्धि रघुवंशी,वैभव तोमर,आयुष जायसवाल,अवीर यादव आदि छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।