इंदौर, 10 जुलाई। सावन के महीने को बहुत खास माना जाता है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। सावन माह में भगवान शिव की आराधना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस दौरान पड़ने वाले सावन का भी बहुत महत्व माना जाता है। इस महीने हरा रंग प्रमुख माना जाता है। इस दौरान प्रकृति भी हरी-भरी हो जाती है। यह रंग सौभाग्य का प्रतीक है। सावन में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र और हरी चूड़ियां पहनती हैं। आइए, जानते हैं कि इस माह हरे रंग का क्या महत्व है।
कब से शुरू हो रहा है सावन
सावन का महीना 22 जुलाई 2024 सोमवार से शुरू होगा और 19 अगस्त 2024 को खत्म होगा। इस बार सावन महीने में पांच सोमवार होंगे पड़ रहे हैं।
22 जुलाई को सावन शुरू होते ही सुबह 5.37 बजे से रात 10.21 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
प्रीति योग 21 जुलाई को रात 9.11 बजे शुरू होगा और 22 जुलाई को शाम 5.58 बजे समाप्त होगा।
तीसरा आयुष्मान योग है, जो शाम 5.58 बजे शुरू होगा और 23 जुलाई को दोपहर 2.36 बजे समाप्त होगा।
सावन में हरे रंग का क्या महत्व है?
- महिलाएं इस दौरान हरे कंगन और हरे रंग की पोशाक पहनती हैं।
- सावन के दौरान लगाई जाने वाली मेहंदी भी हरे रंग की होती है। यह शुभता प्रतीक माना जाता है।
- हरे रंग का संबंध विवाह से भी माना जाता है।
- सौभाग्य की प्राप्ति के लिए और भगवान शिव से आशीर्वाद लेने के लिए इस दौरान हरी चूड़ियां और वस्त्र पहने जाते हैं।
- हरा रंग देवता भी प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव हरियाली के बीच अपने ध्यान के प्रेम के लिए जाने जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि हरा रंग भगवान विष्णु को भी प्रसन्न करता है।
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