क्या जम्मू में मौजूद हैं आतंकियों के मददगार? हमले के तरीके और ये बातें कर रही हैं इशारा

जम्मू, 10 जुलाई: जम्मू रीजन के कठुआ जिले में आतंकियों ने सोमवार को हमला किया था. इसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए. पांच जवान घायल भी हुए, जिनका इलाज चल रहा है. ये हमला जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर मछेड़ी-किंडली-मल्हार पहाड़ी मार्ग पर किया गया. इस रास्ते से सुरक्षाबलों की पेट्रोलिंग टीम गुजरती है. जिस तरह से घात लगाकर हमले को अंजाम दिया गया, पहले ग्रेनेड फेंका गया फिर अंधुाधुंध फायरिंग की गई… ये बताता है कि आतंकियों ने लंबी रेकी की थी.

इस हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद कहते हैं, बिलावर तहसील के मछेड़ी गांव में सेना के वाहन पर हमला आहत करने वाला है. आतंकियों का ये वही ग्रुप है, जिसने 4 से 5 सप्ताह पहले घुसपैठ करने के बाद उधमपुर में वीडीसी की हत्या की थी. इसके बाद ये ग्रुप दो हिस्सों में बंट गया. इसमें से पहले एक ग्रुप का खात्मा डोडा में किया गया. बचे हुए ग्रुप ने कठुआ में इस हमले को अंजाम दिया है. मुझे भरोसा है कि जल्द से जल्द इसे खत्म कर दिया जाएगा.

अब जम्मू रीजन को निशाना बनाने की फिराक में है पाकिस्तान
इससे पहले भी पूर्व डीजीपी एसपी वैद जम्मू रीजन में आतंकी गतिविधियों पर बात कर चुके हैं. उनका कहना है कि इन हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी घुसपैठ करके आ रहे हैं. पिछले एक डेढ़ साल से राजोरी पुंछ इलाके को सीमा पार से टारगेट किया जा रहा है. कश्मीर संभाग में मात खाने के बाद पाकिस्तान अब जम्मू रीजन को निशाना बनाने की फिराक में है. वैद के घुसपैठ के दावे को सोमवार को हुआ आतंकी हमला और बल देता है.

सोमवार को जिस इलाके में आतंकी हमला हुआ है, वो उधमपुर के बसंतगढ़ से लगा हुआ है. आतंकियों की घुसपैठ की लिस्ट में कभी बसंतगढ़ रूट भी हुआ करता था. करीब दो दशक पहले आतंकी इस रूट का इस्तेमाल करते थे लेकिन चिंता की बात ये है कि एक बार आतंकी इस इलाके में सक्रिय हैं.

लोकेशन बदल-बदलकर हमले कर रहे हैं आतंकी
जम्मू रीजन में जून में हुए आतंकी हमलों को देखें और पूर्व डीजीपी वैद के बयान पर गौर करें तो ये साफ है कि आतंकी लोकेशन बदल-बदलकर हमलों को अंजाम दे रहे हैं. सुरक्षाबलों को चकमा भी दे रहे हैं. घात लगाकर हमला करने के बाद आतंकियों का आसानी से भाग जाना, इस बात की ओर इशारा करता है कि इलाके में उनके मददगार भी मौजूद हैं.

ये वो लोग हो सकते हैं, जो आतंकियों को रशद और शरण देने के साथ ही रेकी में उनकी मदद करते हों. रियासी में हमले के बाद सुरक्षाबलों ने शक के आधार पर 50 लोगों को हिरासत में भी लिया था. इतना ही नहीं डोडा में हुए हमलों के सिलसिले में पूछताछ के लिए भी तीन लोगों को हिरासत में लिया गया था. इसमें एक कपल भी था. इन पर आतंकियों को खाना मुहैया कराने का संदेह था.

आतंकियों के खिलाफ कुठआ में चल रहा है बड़ा ऑपरेशन
कठुआ हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबल बड़ा ऑपरेशन चला रहे हैं. सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है. इसके साथ ही पैरा-कमांडो की भी मदद ली जा रही है. निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी आर. आर. स्वैन लगातार इस ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं.

अल्ट्रा सेट और एम4 कार्बाइन से लैस हैं आतंकी
पीर पंजाल के दक्षिण में 9 जून के बाद से आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है. चिंता की बात आतंकवादियों के पास से बरामद हुए हथियार हैं. आतंकी अमेरिकी एम4 कार्बाइन, थर्मल इमेजर और नाइट विजन डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं. आतंकियों के पास अल्ट्रा सेट होने की भी आशंका है क्योंकि पूर्व में मारे गए आतंकियों के पास से अल्ट्रा सेट बरामद भी हुए थे.

आतंकियों को जल्द ही सजा दी जाएगी: उपराज्यपाल
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, कठुआ आतंकी हमले में शहीद हुए हमारे जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूं. शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. आतंकवाद-रोधी अभियान चल रहे हैं. इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को जल्द ही सजा दी जाएगी.

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