इतिहास के पन्नों मेंः 12 मई

लेडी विद द लैंपः 12 मई 1820 को आधुनिक नर्सिंग आंदोलन की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ। सेवा और करुणा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल पूरी दुनिया में ‘लेडी विद द लैंप’ के नाम से मशहूर हैं।

समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में पैदा होने के बावजूद फ्लोरेंस ने सेवा का मार्ग चुना और परिवार की कड़ी नाराजगी के बावजूद उन्होंने अभावग्रस्त लोगों की सेवा का संकल्प लिया। 1844 में उन्होंने चिकित्सा सुविधाओं को सुधारने का कार्यक्रम शुरू किया। उनका सबसे प्रमुख योगदान क्रीमिया युद्ध के दौरान रहा।

1854 में उन्होंने 38 महिलाओं का एक दल घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा। कहते हैं कि रात में जब चिकित्सक चले जाते थे, तब फ्लोरेंस मोमबत्ती जलाकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जातीं। फ्लोरेंस से ही महिलाओं को नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिली। हालांकि घायलों की सेवा के दौरान उन्हें गंभीर संक्रमण भी हुआ लेकिन उनका हौसला कम नहीं हुआ। इस समय किए गए उनके उल्लेखनीय सेवा कार्यों के लिए उन्हें लेडी विद द लैंप का खिताब दिया गया। 1859 में उन्होंने सेंट थॉमस अस्पताल में नाइटिंगेल प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना की और उन्होंने ‘नोट्स ऑन नर्सिंग’ नामक पुस्तक लिखी। 1869 में महारानी विक्टोरिया ने उन्हें रॉयल रेडक्रॉस से सम्मानित किया। उन्होंने ताउम्र नर्सिंग के कार्यों को बढ़ाने और उसे आधुनिक बनाने के लिए काम किया। 90 वर्ष की आयु में 13 अगस्त 1910 को उनका निधन हो गया।


अन्य अहम घटनाएंः
1459ः राव जोधा ने जोधपुर की स्थापना की।
1666ः पुरंदर की संधि के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज मुगल बादशाह औरंगजेब से मिलने आगरा पहुंचे।
1784ः पेरिस समझता प्रभावी हुआ।
1847ः विलियम क्लेटन ने ओडोमीटर का आविष्कार किया।
1993ः हिंदी के मशहूर कवि शमशेर का निधन।
2008ः चीन के सिचुआन में भूकंप से 87 हजार लोगों की मौत। इसमें तीन लाख 74 हजार लोग घायल हुए।
2015ः नेपाल में आए भूकंप में 218 लोगों की मौत और 3500 से अधिक घायल।