नई दिल्ली I लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का प्रचार अभियान आज थम गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में एक रैली के साथ अपने चुनावी अभियान का समापन किया. इसके साथ ही उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के बाद से कुल 206 जनसभाएं और रोड शो किए. प्रधानमंत्री मोदी के इस धुआंधार चुनाव प्रचार का जनता पर कितना असर रहा, इसका पता तो 4 जून को ही लगेगा जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे.
करीब 73 साल की उम्र में पीएम मोदी ने जितनी सभाएं की और जो दूरी तय की, इस मामले में उनके नजदीक भी कोई नेता नहीं टिकता. वह अपनी पार्टी के लिए मतदाताओं को आकर्षित वाला सबसे बड़ा आकर्षण रहे. इस दौरान दिए गए भाषणों के लिए आलोचकों ने उनकी आलोचना भी की तो बीजेपी के उत्साही समर्थकों का जोश भी बढ़ा.
प्रधानमंत्री ने इस दौरान कुल 80 मीडिया इंटरव्यू भी दिए. मतदान शुरू होने के बाद से औसतन उन्होंने प्रतिदिन एक से अधिक इंटरव्यू दिए हैं. प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार शाम से एक जून तक ध्यान लगाने के लिए कन्याकुमारी में रहेंगे. इस दौरान वह स्वामी विवेकानंद से जुड़े स्थल पर ध्यान करेंगे.
सबसे ज्यादा रैलियां यूपी में
पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा 22 जनसभाएं और कुल 31 चुनावी कार्यक्रम यूपी में किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक में 11, तेलंगाना में 11, तमिलनाडु में 7, आंध्र प्रदेश में 5 और केरल में 3 रैलियां की हैं. पीएम मोदी ने बिहार में 20 चुनावी कार्यक्रम और महाराष्ट्र में 19 चुनावी कार्यक्रम के साथ पश्चिम बंगाल में 20 रैलियों को संबोधित किया. इसके साथ ही पीएम ने ओडिशा और मध्य प्रदेश में 10 चुनावी कार्यक्रम किए. पीएम ने झारखंड में 7 कार्यक्रम किए.
2019 से अधिक चुनावी रैलियां
प्रधानमंत्री ने इससे पहले 2019 के चुनावों के दौरान लगभग 145 सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. इस बार उन्होंने इससे ज्यादा चुनाव प्रचार किया और जनसभाओं को संबोधित किया. इस बार चुनाव प्रचार का समय 76 दिनों का था, जबकि पांच साल पहले चुनाव में 68 दिन थे.
दक्षिण भारत से की चुनाव अभियान की शुरुआत
निर्वाचन आयोग ने जब चुनावों की घोषणा की थी तो पीएम मोदी दक्षिण भारत के राजनीतिक दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने 15 मार्च से 17 मार्च के बीच तीन दिनों में दक्षिण भारत के सभी पांच राज्यों को कवर किया था. बीजेपी की इस चुनाव में कोशिश तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की है. इन तीनों राज्यों में 2019 के चुनाव में बीजेपी एक भी सीट जीत नहीं सकी थी. पार्टी के लिए इस चुनाव में कर्नाटक में अपनी ताकत बनाए रखने और तेलंगाना में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश भी रही है. साल 2019 में बीजेपी ने कर्नाटक की 28 में से 25 सीट जीती थी जबकि तेलंगाना में उसने चार सीट पर सफलता दर्ज की थी.
देश के दक्षिण छोर से शुरू हुआ उनका प्रचार अभियान उत्तर में स्थित पंजाब के होशियारपुर में आकर समाप्त हुआ। जहां पीएम मोदी ने गुरुवार को एक चुनावी रैली को संबोधित किया. पीएम मोदी मार्च में चुनाव की घोषणा से पहले फरवरी और मार्च की 15 तारीख तक 15 रैलियां कर चुके थे.
[metaslider id="347522"]