VIDEO : राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाने की मांग, कांग्रेस दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे कार्यकर्ता….

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट पर टिकी हैं. कांग्रेस ने अभी तक अपनी इन पारंपरिक सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. इस बीच जिला कांग्रेस कार्यालय पर राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ने की मांग को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं. उनकी मांग है कि गांधी परिवार फिर से अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ें. इस सीट से बीजेपी की ओर से एक बार फिर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मैदान में हैं. जबकि, कांग्रेस ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.

कांग्रेस कार्यकर्ता हाथ में पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए राहुल गांधी या प्रियंका गांधी से अमेठी से चुनावी मैदान में उतरने की मांग कर रहे हैं. कार्यकर्ता चाहते हैं कि गांधी परिवार अमेठी से चुनाव लड़े. पार्टी के कार्यकर्ता प्रत्याशी ना आने तक धरने पर बैठे रहने की बात भी कह रहे हैं. उनके हाथों में ‘अमेठी मांगे राहुल गांधी’ और ‘अमेठी मांगे प्रियंका गांधी’ के बैनर-पोस्टर नजर आ रहे हैं.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अमेठी एवं रायबरेली के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पिछले दिनों नेतृत्व से आग्रह किया था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को इन सीट से चुनाव लड़ना चाहिए.

अमेठी-रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ना चाहते राहुल, प्रियंका

सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली से लड़ने से इनकार कर दिया है. एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार राहुल और प्रियंका दोनों ही पारिवारिक गढ़ से चुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छुक हैं. दोनों नेताओं ने अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने से इनकार किया है.

पारंपरिक सीटों पर कब खत्म होता सस्पेंस?

कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट से गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने को लेकर जारी अटकलों के बीच सोमवार को कहा कि उम्मीदवारों के बारे में फैसला करने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत किया गया है.

राहुल गांधी 2004 से 2019 तक अमेठी से लोकसभा सदस्य रहे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. उन्होंने दो दशक तक रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.