भिंड । चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निर्वाचन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन रिपोर्टों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिनमें कहा जा रहा है कि एक अभ्यास कार्यक्रम के दौरान वीवीपीएटी से केवल भाजपा के निशान वाली पर्चियां ही निकल रही थीं। भिंड में 9 अप्रैल को उपचुनाव होना है। उधर, चुनाव आयोग ने वीवीपीएटी में गड़बड़ी की शिकायत को देखते हुए उपचुनाव की निगरानी के लिए अपने अधिकारियों की एक टीम भेजने का फैसला किया है।
आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने जिला निर्वाचन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।’ वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है। मतदाता केवल सात सेकेंड तक इस पर्ची को देख सकता है। इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभ्यास के दौरान चाहे जो भी बटन दबाया गया उससे निकली सारी पर्चियां यह दिखा रही थीं कि वोट भाजपा को गया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि मध्य प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह ने पत्रकारों को समाचार पत्रों में यह न्यूज देने पर जेल में डालने की धमकी दी है।
उधर, वीवीपीएटी में गड़बड़ी की शिकायत के बाद आयोग ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम मध्य प्रदेश भेजने का फैसला किया है। इस टीम का नेतृत्व आंध्र प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी भंवर लाल करेंगे। यह टीम राज्य की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर निगरानी रखेगी। गौरतलब है कि 9 अप्रैल को भिंड की अटेर और उमरिया के बांधवगढ़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।
एमपी की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने किया खंडन
मध्य प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने मीडिया में छपे इस खबर का खंडन किया है कि शुक्रवार को अभ्यास के दौरान ईवीएम मशीन से जुड़े वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से केवल भाजपा का चुनावी चिन्ह ‘कमल’ वाली पर्चियां ही निकल रही थीं। सलीना ने शनिवार को कहा, ‘इस डेमो के दौरान ईवीएम मशीन में केवल दो ही बटन दबाए गए। पहला मैंने दबाया, जिससे भाजपा का निशान कमल का चिन्ह आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया, जिससे कांग्रेस का निशान हाथ का पंजा आया।’
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