डॉक्टरों के मुताबिक, फैटी लिवर दो तरह का होता है. इनमें अल्कोहॉलिक और नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर शामिल हैं। फैटी लिवर से पीडि़त मरीजों को लिवर फेलियर का खतरा रहता है। नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर अनियमित खान-पान से होता है। ऐसे में फैटी लिवर को कम करने में डॉक्टर हमेशा डाइट को बैलेंस करने की सलाह देते हैं।
अगर आप भी नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं तो हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन जरूर करें। दरअसल, हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए और फोलिक एसिड होता है. ब्रोकली, बंद गोभी, पालक जैसी हरी सब्जियां लिवर में जमा फैट घटाती हैं और वजन कम करने में भी मददगार साबित होती हैं। लिवर को दुरुस्त रखने में पपीता भी बेहद अहम साबित होता है। पपीता विटामिन सी से भरपूर होता है, जो लिवर की सेहत को अच्छा रखने में मदद करता है।
कई शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि फैटी लिवर के मरीजों के लिए कॉफी बेहद फायदेमंद साबित होती है। दरअसल, कॉफी में मौजूद कैफिन लिवर एंजाइम को ठीक रखता है। फैटी लिवर से बचाने में टोफू भी काफी मददगार साबित होता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि टोफू में सोया प्रोटीन होता है, जो फैट को लिवर में जमा नहीं होने देता।मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा विटामिन डी और विटामिन बी12 होता है, जो लिवर की सूजन को कम करता है।
लिवर को ठीक रखने में साबुत अनाज भी बेहद अहम होता है. साबुत अनाज में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिसके सेवन से पेट काफी देर तक भरा रहता है। यह वजन घटाने में मददगार होता है। नींबू का रस लिवर डैमेज के खतरे को कम करता है। नींबू में विटामिन सी और साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जो लिवर में जमा सेल्स को डिटॉक्स करता है। दूध में प्रोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो लिवर डैमेज के खतरे को कम करता है।