भिलाई,15 मार्च । विकसित भारत@2047 पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन छत्तीसगढ वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय एवं वितरागा रिसर्च फाउंडेशन रायपुर तथा हेमंचद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय सेक्टर 6 में किया गया। जिसका शुभारंभ 13 मार्च को मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने किया। इस अवसर पर छग वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय के चेयरमेन मोहम्मद ताहिर खान विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती की पूजा अर्चना के बाद राज्यगीत प्रस्तुत किया गया। उसके पश्चात जहां छात्राओं द्वारा स्वागत नृत्य किया गया वहीं स्वागत भाषण महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती अनघा अगासे ने प्रस्तुत किया।
पहले दिन बुधवार को दो सत्रों का आयेाजन किया गया जिसमें पहले सत्र में बौद्धिक संपदा का अधिकार पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथ हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने उदबोधन दिया और इशू एंड चेलेंज ऑफ आईपीआर इन इंडिया पर नागार्जुन पीजी कॉलेज ऑफ साइंस रायपुर की प्रोफेसर एंड हेडअप डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स डॉ. अंजलि अवधिया तथा आरजीएनआईआईएम नागपुर के एग्जॉमिनर ऑफ पेटेंट एंड डिजाईन हिमांशु चन्द्राकर ने आईपीआर एन ओवरव्यूव पर व्याख्यान दिया।
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वहीं दूसरे सत्र में आईपीआर पर पेनल डिस्कशन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से जब वे अमेरिका में व्याख्यान देने गये थे उस समय की वहा के और भारत के पेटेंटस एवं वहां के शिक्षा और भारत के शिक्षा में किस प्रकार का अंतर है, उसकी विस्तृत रूप से जानकारी दी। वही सीजीव्हीव्हीएम की प्राध्यापक श्रीमती शाहिन सहित अन्य महाविद्यालय से आये प्राध्यापकों एवं छग वाणिज्य महाविद्याल के छात्रों ने भी आईपीआर पर अपना अभिमत व्यक्त किये। संगोष्ठी का संचालन छग वाणिज्य एंव विज्ञान महाविद्यालय की प्राध्यापक श्रीमती शाहिन मेडम एवं आभार प्रदर्शन छग वाणिज्य एंव विज्ञान महाविद्यालय की एचओडी श्रीमती पूनम वर्मा ने किया। इस दौरान महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, गालिब मेमोरियल स्कूल की प्राचार्य गुणालक्ष्मी सहित स्कूल की सभी शिक्षिकाएं एवं महाविद्यालय व स्कूल में कार्यरत सभी लोग उपस्थित थे।
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