आचार-संहिता से पूर्व, वित्त-मंत्री से फिर मांगा 27% प्रतिशत वेतन-वृद्धि, कमेटी गठन और नियमितीकरण

रायगढ़,08 मार्च । लगातार 20 से 25 वर्षों से संविदा रूपी दंश का अभिशाप झेल रहे, राज्य/ जिले के समस्त लगभग 37000 संविदा कर्मियों ने, आज पुन: अपने लाडले/जन-प्रिय विधायक विधानसभा क्रमांक-16 तथा राज्य के वित्त-मंत्री, माननीय ओपी चौधरी से, रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार राधेश्याम राठिया तथा पूर्वांचल के लोकप्रिय जन-नेता-भाजपा के जिला मंत्री विलीस गुप्ता जी की उपस्थिति/समर्थन में, मुलाकात/ज्ञापन देकर, आज दिनांक तक अप्राप्त तथा छत्तीसगढ़ सरकार के अतिशीघ्र 100 दिवस पूर्ण होने से पहले, पूर्व में घोषित 27 प्रतिशत संविदा वेतन-वृद्धि, गैर वित्तीय मांगो का पूर्ण किया जाना तथा नियमितीकरण कमेटी गठन की मांग लोकसभा आचार-संहिता से पूर्व की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से, अपनी मांगो पर किसी प्रकार की पहल, आचार-संहिता से पूर्व ना होता देख, आज जिले के समस्त छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- रायगढ़ के सदस्य, अपनी संख्याबल से, मोदी की गारंटी तथा विष्णु के सुशासन की याद दिलाते हुए,पुसौर तथा ग्राम-जुर्डा में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए, अपना ज्ञापन विधायक विधानसभा क्रमांक-16 तथा वित्त मंत्री के नाम देने पहुंचे। सौपे गये कार्य दायित्व का बखूबी निर्वहन तन-मन-धन से करने पश्चात् भी, न्यूनतम संविदा वेतन पर कार्य करने को मजबूर, तथा संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, 06 विभागों में नही होने से इन्हें आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।

विधानसभा के अनुपूरक बजट में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिए एकमुश्त वेतन-वृध्दि की घोषणा की गई थी। इसके लिए लगभग 350 करोड बजट का प्रतिवर्ष आबंटन भी किया गया था, इनमें से आज दिनांक तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आयुष विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, अप्राप्त है। राज्य में 37 हज़ार संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, इनका 2019 से लगभग 05 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी, मासिक वेतन, अधिकतम समय-सीमा में संशोधित नही किया गया है, जिससे इन्हे आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा शासित अन्य राज्यों की तुलना में, डबल-इंजन सरकार में राज्य के संविदा कर्मचारी, आज भी, समान काम-समान वेतन, सी-आर रिन्यूवल बन्द करना, 62 साल सेवा काॅल, ग्रेड-पे निर्धारण, मेडिकल फैसिलिटी, ईपीएफ कटौती, ग्रैच्यूटी, पेंशन, अनुकम्पा, स्थानान्तरण नीति, सरकारी भर्ती मे 50 प्रतिशत संविदा कोटा, छटनी/निकाले गये कर्मचारियों की बहाली आदि सुविधाओं से विगत 20-25 वर्षों से वंचित है। मोदी की गारंटी में शामिल- 100 दिनों में कमेटी गठन, जिसमें अनियमित/संविदा पदाधिकारी भी सदस्य होंगे का शेष 04 दिनों में, मार्ग प्रशस्त करें सरकार, तथा लोक-सभा आचार-संहिता लगने के पूर्व, अपनी मंशा जाहिर करते हुए, गैर वित्तीय मांगो जैसे अविलम्ब संविदा 27 प्रतिशत वेतन-वृध्दि, समान काम-समान वेतन, सी-आर रिन्यूवल बन्द करना, 62 साल सेवा काॅल, ग्रेड-पे निर्धारण, मेडिकल फैसिलिटी, ईपीएफ कटौती, ग्रैच्यूटी, पेंशन, अनुकम्पा, स्थानान्तरण नीति, सरकारी भर्ती मे 50 प्रतिशत संविदा कोटा, छटनी/निकाले गये कर्मचारियों की बहाली तथा नियमितीकरण हेतु पहल को तत्काल पूरा करने, रायगढ़ जिला ईकाइ- छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सरकार से मांग करता है। ज्ञापन देने में महासंघ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सदस्यों की भारी उपस्थिति रही साथ ही प्रमुख रूप से राघवेंद्र बोहिदार, अनिता यादव, कैलाश साहा, पवन प्रधान, डॉक्टर कृष्ण कमल, वैभव डियोडिया, उमेश जोल्हे, डॉक्टर मुकेश साहू उपस्थित रहे।