राजेश मूणत ने किया महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति के कार्यालय का उद्घाटन

रायपुर,24 फरवर  वर्तमान जिनशासन नायक 24 वे तीर्थंकर भगवान महावीर जन्म कल्याणक महामहोत्सव हर वर्ष पूरे देश में धार्मिक वातावरण में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रायपुर में भी सकल जैन समाज जैन समाज के सभी घटक एक जुट होकर पूरे माह भर विभिन्न सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित कर जन्म कल्याणक मानते है। यह आयोजन सकल जैन समाज द्वारा आयोजित किया जाता है। वर्तमान में उत्सव समिति के कार्यकारिणी का चुनाव किया गया जिसमे सर्वसम्मति से अध्यक्ष हेतु जितेंद्र गोलछा महासचिव, वीरेंद्र डागा कोषाध्यक्ष, अमित मूणोत कोषाध्यक्ष अमर बरलोटा चुने गए।

इसी क्रम में अध्यक्ष जितेंद्र गोलछा ने बताया की भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति 2024 की गतिविधियों के संचालन व रुपरेखा निर्धारण के लिए प्रधान कार्यालय का उद्घाटन रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने 23 फरवरी को ऋषभ देव जैन मंदिर सदर बाजार में किया। इस अवसर पर राजेश मूणत ने समाज के नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने बताया की ये हमारा परम सौभाग्य है की छत्तीसगढ़ पावन धरा में डोंगरगढ़ स्थित तीर्थस्थल चंद्रगिरी में आचार्य विद्यासागर महाराज की जागृत सल्लेखना समाधि हुई जिससे पूरे विश्व में जैन संतो और जैन समाज गौरांवित हुआ है। कार्यक्रम में उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली के साथ बड़ी संख्या में युवा/बुजुर्ग वर्ग उपस्थित था सभी ने एक जुट होकर भगवान महावीर का संदेश घर घर तक समाज के अंतिम व्यक्ति को पहुंचाने का संकल्प भी लिया।



भगवान महावीर जन्म कल्याणक महामहोत्सव जैन धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है 2024 में महावीर जयंती का आयोजन चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी तिथि 21अप्रैल को होगा। इस दिन जैनों के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व होता है क्योंकि वे जैन धर्म के 24 वें और आखिरी तीर्थंकर के जीवन और उनकी शिक्षाओं की स्मृति करते हैं। चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी तिथि, महावीर जयंती का आयोजन होता है। भगवान महावीर ने जैन धर्म की स्थापना की और उसके प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 24वे तीर्थकर, भगवान महावीर, को जैन धर्म के संस्थापक और जन्म कल्याणक के रूप में भी माना जाता है महावीर जन्म महामहोत्सव भारत के एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक प्रतीक भगवान महावीर के जन्म की सार्थक उत्सव है। यह त्योहार जैनों के लिए गहरे सांस्कृतिक और दार्शनिक महत्व के साथ होता है।