Nutan की वो आखिरी फिल्म, जो 6 साल में बनकर हुई तैयार, रिलीज से पहले दो सितारे छोड़ चुके थे दुनिया

Nutan Death Anniversary: सांवला रंग, दुबला-पतला शरीर और बेशुमार आकर्षण से भरी एक बच्ची ने जब सिनेमा में कदम रखा तो किसी को नहीं मालूम था कि वह टॉप एक्ट्रेसेज को पीछे करके खुद बेहतरीन अदाकाराओं की लिस्ट में शुमार हो जाएंगी। हम बात कर रहे हैं 50, 60, 70 और 80 के दशक में अपनी अदायगी दिखा चुकीं नूतन (Nutan) की।

काजोल (Kajol) की मौसी और तनुजा (Tanuja) की बहन नूतन सिनेमा की फाइनेस्ट एक्ट्रेसेज में से एक थीं। उनकी अदाएगी का हर कोई दीवाना था। कैमरे के सामने जिस तरह वह किसी भी किरदार को जीती थीं, वह काबिल-ए-तारीफ था। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के द्वारा वह फैंस के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।

19 की उम्र में किया डेब्यू

4 जून 1936 को बॉम्बे में जन्मीं नूतन के पिता कुमारसेन समर्थ जाने-माने फिल्ममेकर हुआ करते थे और उनकी मां शोभना समर्थ सिनेमा की उम्दा कलाकार थीं। ऐसे में नूतन के रग-रग में एक्टिंग का कीड़ा होना कोई बड़ी बात नहीं थी।

Nutan with Dev Anand

उन्होंने मात्र 14 साल की उम्र में बतौर लीड अपना एक्टिंग करियर शुरू किया और उनकी पहली फिल्म थी ‘हमारी बेटी’, जिसे उनकी मां ने ही निर्देशित किया था। हालांकि, वह पहली बार पर्दे पर अपने पिता की फिल्म ‘नल दमयंती’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट दिखी थीं। उस वक्त वह सिर्फ 9 साल की थीं।

हिट फिल्म में नहीं मिली एंट्री

नूतन ने अपने जमाने में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। उन्हें पॉपुलैरिटी फिल्म ‘नगीना’ से मिली थी, जो उनकी पहली सक्सेसफुल फिल्म भी थी। मगर क्या आप जानते हैं कि नूतन को इस फिल्म के प्रीमियर में आने की अनुमति नहीं थी। इसकी वजह उनकी उम्र थी। ‘नगीना’ के दौरान नूतन सिर्फ 15 साल की थीं और फिल्म ए सर्टिफाइड थी।

Nutan

नगीना‘ के बाद ‘हम लोग’ ने भी उन्हें ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। जिस उम्र में लोग पढ़ाई करते हैं, उस उम्र में वह सिनेमा का चमकता सितारा बन गई थीं। नूतन ने ‘सीमा’, ‘पेयइंग गेस्ट’, ‘सुजाता’, ‘छलिया’, ‘सरस्वतीचंद्र’, ‘देवी’, ‘मंजिल’, ‘तेरे घर के सामने’, ‘बंदिनी’, ‘मिलन’, ‘सौदागर’, ‘मेरी जंग’, ‘नाम’ समेत कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम कर नाम कमाया।

6 साल में बनकर तैयार हुई थी नूतन की आखिरी फिल्म

नूतन की आखिरी फिल्में थीं गरजना’ (1991) और ‘इंसानियत’ (1994), जो उनके निधन के बाद रिलीज हुई थीं। ‘गरजना’ तो नूतन के निधन के तुरंत बाद रिलीज हो गई थी, लेकिन ‘इंसानियत’ को तीन साल और लग गए। फिल्म की शूटिंग साल 1988 में शुरू हो गई थी। नूतन ने पहले ही अपने हिस्से का शूट कर लिया था। पर्दे पर आते-आते इस फिल्म को 6 साल लग गए। 

अमिताभ बच्चन ने ले लिया था सेमी-रिटायरमेंट 

‘इंसानित’ प्रोडक्शन इश्यूज की वजह से 6 साल तक लटकी रही। फिल्म जब तक पर्दे पर आई, तब तक इस मूवी के दो-दो सितारे दुनिया को अलविदा कह चुके थे। 21 फरवरी 1991 को नूतन का निधन हो गया था, वहीं इससे एक साल पहले 30 अक्टूबर 1990 को विनोद मेहरा भी दुनिया छोड़ चुके थे। यही नहीं, इस फिल्म की रिलीज से पहले अमिताभ बच्चन ने भी सेमी-रिटायरमेंट ले लिया था।

Nutan and Amitabh Bachchan

नेगेटिव रिव्यूज ने डुबाई थी लुटिया

रमनजीत टोनी जुनेजा निर्देशित ‘इंसानियत’ ने रिलीज के बाद बॉक्स ऑफिस पर धांसू शुरुआत की थी, लेकिन खराब रिव्यू के चलते फिल्म डूबती चली गई। क्रिटिक्स की तरफ से मिले निगेटिव रिव्यू की वजह से फिल्म एवरेज रही। यह उस साल की 12वीं हाएस्ट ग्रॉसिंग फिल्म रही। इस फिल्म में चंकी पांडे, सनी देओल, जया प्रदा, रवीना टंडन, विनोद मेहरा, अनुपम खेर, प्रेम चोपड़ा और आलोक नाथ जैसे सितारे अहम भूमिका में थे।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]