महिला बाल विकास विभाग द्वारा 4 दिनों पूर्व नबालिग बालिका का बाल विवाह रोकवाया गया

बेमेतरा 20 फ़रवरी I विगत दिनों विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम अडार, पोस्ट सेमरिया, तह-नांदघांट के एक नाबालिग बालिका का विवाह बिलासपुर के एक युवक सें बाल विवाह किये जाने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एंव चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 की संयुक्त टीम द्वारा बाल विवाह रोकवाया गया। शिकायत प्राप्त होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सह जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के निर्देश पर एवं परियोजना अधिकारी एंव जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मार्गदर्शन पर टीम गठित कर, ग्राम अडार में एक नाबालिक बालिका का बाल विवाह रोकवाया गया।

नाबालिग बालिका के विवाह के चार दिन पूर्व कार्यवाही कर वर पक्ष को भी दूरभाष के माध्यम से समझाईस दी गई एवं बिलासपुर जिला बाल संरक्षण इकाई से समन्वय स्थापित कर जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर के द्वारा वर पक्ष के निवास पर जाकर समझाईस दी गई, समझाईस उपरांत उनके परिजनों द्वारा बालिका के निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई | बालक एंव बालिका के परिजनों के लोगों ने कहा की हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।

टीम द्वारा समझाईस दिये जाने पर वधु पक्ष द्वारा उक्त बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् विवाह किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया। तथा उन्हे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित, बैंड बाजा, हलवाई एवं टैट वालों पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रु. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

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