कोरबा, 14 फरवरी । कोरबा विकासखंड के दुरांचल गांवों में मौजूद स्कूलों का बुरा हाल है। शिक्षा के नाम पर ग्रामीण इलाकों में केवल मज़ाक किया जा रहा है। जिन शिक्षकों के ऊपर देश के भविष्य छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने का बोझ होता है वही शिक्षक अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी पूर्वक नही करते है।
ताज़ा मामला आज देखने को मिला जहां कोरबा विकासखंड अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला जूनाडीह, तौलीपाली एवं पूर्व माध्यमिक शाला जिल्गा में बसंत पंचमी मनाने के बाद स्कूल में छुट्टी कर दी गई। शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को घर जाने दिया जिसके बाद स्कूल में पदस्थ शिक्षकों ने भी दोपहर 1:30 के बाद स्कूल में ताला लगाकर चले गए। स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों ने बिना कोई उच्च अधिकारियों के निर्देश पर स्कूल की छुट्टी कर दी और खुद जल्दी जाने के लिए स्कूल बंद कर दिया। जिससे शिक्षक अपने कर्तव्यों एवं शिक्षा के प्रति कितने गंभीर है ये पता चलता है। ग्रामीणों से बातचीत करने पर बताया गया कि शिक्षक ऐसी लापरवाही आए दिन करते रहते है ग्रामीण अंचल होने के कारण किसी की नज़र नही पड़ती है। ठोस कार्यवाही के अभाव में शिक्षा के प्रति शिक्षकों की लापरवाही बढ़ते जा रही है। वही अधिकारी मात्र एक दिन का वेतन काटकर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करते है।
शासकीय स्कूलों में शिक्षा का बुरा हाल !
विकासखंड कोरबा के दुरांचल गांवों में मौजुद स्कूलों में अधिकारियों का निरीक्षण नही होता जिसके कारण शिक्षक लापरवाह हो गए है। अधिकारियों का दबाव नही होने से शिक्षक समय से पहले ही स्कूल छोड़ देते है। पुरा समय अध्ययन कार्य में देने के बजाए शिक्षक जल्दी घर जाने की जल्दबाजी में रहते है। जिससे शिक्षा की गुणवक्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
संकुल प्रभारी के आदेशों को भी नही माने शिक्षक !
स्कूल बंद होने की सूचना कुदमूरा संकुल प्रभारी पवन कुमार एवं परमेश्वर गोस्वामी को दी गई। संकुल प्रभारी ने शिक्षकों से जानकारी ली तो स्कूल बंद पाया। जिसके बाद भी शिक्षकों ने स्कूल नही खोला और घर चले गए।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने लिया संज्ञान में, जारी किया कारण बताओ नोटिस !
कोरबा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी संजय अग्रवाल को इसकी सूचना दी गई तो उन्होंने मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए तुरंत जांच करने एवं कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही।
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