चंबल नदी के किनारे मुंह खोले धूप सेंक रहा था 12 फीट लंबा मगरमच्छ

सर्दियों में चंबल नदी किनारे जलीय जीव और पक्षियों की हलचल बढ़ जाती है। चंबल किनारे हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इनमें इंडियन स्कीमर सबसे अधिक होते हैं। यही नहीं, नदी में घड़ियाल और मगरमच्छ के साथ डाल्फिन भी है। गर्मी के मौसम में यह जलीय जीव पानी से बाहर नहीं आते हैं। सर्दी में यह धूप सेंकने को किनारे या नदी में बने बालू के टापू पर निकल आते हैं। मुंह खोले धूप में लेटे मगरमच्छ और घड़ियाल को देखने का यह सबसे बेहतरीन समय होता है।

मंगलवार की दोपहर एक बजे फूफ के बरही डाल्फिन प्वाइंट के पास धूप सेंकते हुए करीब 12 फीट लंबे मगरमच्छ को कैमरे में कैद किया गया। बतादें कि मगरमच्छ और घड़ियाल के शरीर का तापमान इंसान से कम होता है। इसलिए सर्दी आते ही यह धूप में घंटों मुंह खोलकर लेटे रहते हैं। इनकी ऊपरी परत मोटी होती है, इसलिए गर्मी को सोखती नहीं है। इसीलिए यह मुंह खोलकर लेटते हैं। एक मगरमच्छ या घड़ियाल एक दिन में चार से पांच घंटे धूप में लेटता है। पिछले साल हुए जलीय जीवों के सर्वे में चंबल नदी में मगरमच्छ की संख्या 898 रिकार्ड की गई थी। -फोटो प्रवीण परिहार।