बेंगलुरु। इसरो कभी किसी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करता है और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर अच्छा फलता-फूलता है। ये बयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के क्षमता निर्माण और सार्वजनिक आउटरीच के निदेशक सुधीर कुमार ने रविवार को दिया। इसरो के भविष्य में रॉकेट लॉन्च के लिए वैश्विक केंद्र बनने की संभावना पर उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया दी।
रविवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के मौके पर समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसरो कभी किसी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करता है। यह एक अंतरिक्ष समुदाय है और विशेष रूप से, अंतरिक्ष समुदाय सहयोग से अच्छी तरह से विकसित होगा। हम नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और एक साथ बढ़ना सबसे अच्छा विकल्प है।’
बता दें कि भारत पिछले साल अपने चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 mission) के साथ चंद्रमा पर सफल रोबोटिक लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया। इसके बाद भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इन मील के पत्थर ने न केवल वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति को सुरक्षित किया बल्कि भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए इंजन को भी बढ़ावा दिया।
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए इसरो के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘कुछ साल पहले, भारत सरकार ने अंतरिक्ष सुधारों की घोषणा की थी। तब से, भारतीय उद्योग तेजी से बढ़ रहा है।’वह वैश्विक कारोबार पर भी कब्जा कर रहा है। कई स्टार्टअप्स ने यूरोप, दक्षिण अफ़्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों और मध्य पूर्व में अपने कार्यालयों का विस्तार देखा है। इसलिए, हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज इसरो विश्व बाजार में बड़े पैमाने पर आगे बढ़ रहा है।’
इस बीच, मौसम संबंधी टिप्पणियों को बढ़ाने और बेहतर मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी में मदद करने के उद्देश्य से इसरो के मौसम संबंधी उपग्रह INSAT-3DS का प्रक्षेपण 17 फरवरी को होने वाला है।