जिले के समस्त आंबनबाड़ी केन्द्रों, शासकीय व निजी विद्यालयों में बच्चों को कृमिनाशक दवा का कराया गया सेवन

अंबिकापुर,10 फरवरी । कलेक्टर भोस्कर के मार्गदर्शन में जिले में शनिवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया है। राष्ट्रीय कृमि दिवस का आयोजन प्रत्येक 06 माह में किया जाता है।जिसमें 01 से 19 वर्ष के बच्चों को सभी स्कूल एवं आगनबाड़ी केन्द्रों में एवं 15 फरवरी को छूटे हुए बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में जिले के समस्त आंबनबाड़ी केन्द्रों, शासकीय व निजी विद्यालयों, मदरसों में बालक एवं बालिकाओं को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल 400 मि.ग्रा. की गोली का सेवन कराया गया है।

जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा में स्थानीय जनप्रतिधि करताराम गुप्ता, अभिमन्यु गुप्ता, हरमिदंर सिंह, बबलू सिंह, मधूसुधन शुक्ला उपस्थित थे। कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ आरएन गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ जेके रेलवानी, नोडल अधिकारी डॉ शैलेन्द्र गुप्ता, डीपीएम डॉ पुष्पेन्द्र राम, डॉ आयुष जायसवाल, डॉ वर्षा शर्मा के द्वारा स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई गई। करताराम गुप्ता ने कहा कि छोटे बच्चों के अलावा प्रत्येक व्यक्ति को भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना, पीने योग्य पानी पीना और नंगे पैर चलने और खुली हवा में शौच करने से परहेज करके परजीवी कृमि संक्रमण को रोका जा सकता है, पेट का कीड़ा बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, सभी को रोगनिरोधी उपाय के रूप में पंजीकृत चिकित्सकों की सलाह से छह महीने में एक बार एल्बेंडाजोल टैबलेट लेने की सलाह दी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एन गुप्ता ने ज्यादा से ज्यादा बच्चों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल का सेवन करने का आह्वान किया, उन्होंने बताया कि कृमिनाशक दवा के सेवन से बच्चों के बौद्धिक विकास, स्वास्थ्य एवं पोषक का स्तर, एनीमिया की रोकथाम तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। उन्होनें बताया कि यह दवा सुरक्षित है। मिट्टी, पानी और वातावरण के कारण बच्चे और बड़े दोनों में कृमि हो सकता है। स्कूली बच्चों के सेवन से बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी तथा कक्षा में शतप्रतिशत उपस्थिति रहेगी।

नोडल अधिकारी डॉ शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जिला सरगुजा में वर्ष 2024 हेतु जिले में लगभग 3 लाख 41 हजार 125 बच्चों को डिवार्मिंग गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 2 वर्ष तक के बच्चे को ऐल्बेण्डाजोल 400 एमजी की आधी गोली को दो चम्मच के बीच में रखकर चूरा करके स्वच्छ पीने के पानी में घोलकर पिलाई जायेगी एवं 2 से 3 साल के बच्चे को 1 गोली चुरा तैयार कर तथा 03 से 19 वर्ष के बच्चों को 01 गोली चबाकर खाने को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वैसे बच्चे और किशोर जो स्कूल नहीं जाते हैं उनपर भी विशेष फोकस किया जाएगा। पेट में कृमि होने के कई तरह के समस्या हो सकती है। ऐसे लक्षण के प्रति माता-पिता को जागरूक रहना चाहिए। बच्चों को पढ़ने में मन नहीं लगेगा। खाने में रूचि घटने लगेगी या अधिक भोजन करेंगे लेकिन शरीर में नहीं लगेगा। अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने से बच्चे एनीमिया के शिकार से बच सकते हैं। मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। मानसिक और शारीरिक विकास के लिए एक से 19 वर्ष तक बच्चों को गोली खिलानी जरूरी है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ पुष्पेन्द्र राम ने कहा कि समुदाय को जागरूक करने के लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी गई है। एक से पांच तक स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्रों में दवा दी जाएगी। एक से दो वर्ष तक बच्चे को आधी गोली चूर्ण बनाकर खिलानी है। ऐसे बच्चे जो बीमार हैं या अन्य दवा चल रही है उसको कृमि की दवा नहीं देनी है।

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