ग्वालियर। शहर में जगह-जगह लगे कचरे के ठीयों को अब मशीन की मदद से हटाया जाएगा। शुक्रवार को मशीन ने शहर के कई हिस्सों में पहुंचकर सूखे कचरे को एकत्रित करने का काम किया है। मशीन ने जब सूखे कचरे को एकत्रित करने का प्रदर्शन किया उस वक्त निगमायुक्त हर्ष सिंह भी मौजूद है। इसके अलावा अन्य निगम अफसर भी मौजूद रहे। सात हजार लीटर क्षमता वाली इस मशीन के आने से कर्मचारियों की समस्या से छुटकारा मिलेगा। अभी तक कर्मचारी हाथ से कचरा कलेक्शन का काम करते थे।
जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। शुक्रवार को पटेल नगर और कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर कलेक्शन कराया गया। अफसरों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के बजट से स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए मशीन क्रय की जानी हैं। ग्वालियर में रोड स्वीपिंग मशीन, सीवर सक्शन मिशन इत्यादि है, लेकिन अभी तक सूखे कचरे को क्षेत्र करने वाली मशीन नहीं थी। सूखे कचरे को एकत्रित करने वाली मशीन के नहीं होने से अभी तक यह कार्य मैन्युअली किया जा रहा था जिससे अब छुटकारा मिलेगा।
निगम का दावा-चैंबर बदले, हकीकत- बह रही सीवर की गंदगी
नगर निगम का दावा है कि शहर में टूटे हुए सीवर चैंबरों को बदला गया। लेकिन हकीकत यह है कि शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां पर सीवर टूटे पड़े हुए हैं और निगम के अफसर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं। शुक्रवार को सहायक यंत्री प्रवीन दीक्षित ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जो सीवर चैंबर क्षतिग्रस्त पाए गए उन्हें बदला गया। इसमें वार्ड 47 में 6, वार्ड 47 में दो, वार्ड 48 माधौगंज थाने के पास कन्या विद्यालय के सामने वाली गली में टूटे सीवर चैंबरों को बदला गया। इन स्थानों पर नजर तक नहीं डाली: आमखो पहाड़ी के नीचे पुराने बस स्टेंड के पास सीवर चैंबर टूटा हुआ है। इसके कारण सड़क किनारे गंदगी पसरी हुई।
इसकी बदबू के कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता और आसपास गंदगी की बदबू फैली हुई है। इसी तरह से वार्ड 29 में करोली माता मंदिर के पास में एक सीवर टूटा हुआ है। पंथ नगर में सीवर पिछले एक साल से टूटा पड़ा जिसके कारण सड़क से गुजरना मुश्किल हो रहा है। इसको लेकर नगर निगम अफसरों को कई बार अवगत भी कराया गया पर कभी ध्यान तक नहीं दिया गया।
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