मतदान देश के प्रति हमारी प्रतिबध्दता को अभिव्यक्ति करता है – डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा, 25 जनवरी । भारत के निर्वाचन आयोग की 25 जनवरी 1950 को स्थापना हुई थी। स्‍थापना दिवस मनाने के लिए 2011 से पूरे देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। एनवीडी उत्सव का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता पैदा करना है और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तियों का चुनाव होता है।


भारत में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है चुनाव के महत्व और मतदान प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना। यह दिन योग्य भारतीय नागरिकों (18 वर्ष या उससे अधिक) को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। बता दें कि भारत को एक विकसित और समृद्ध देश बनाने में मदद करने के लिए हर एक नागरिक का वोट जरूरी है। ऐसे में इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों का भी आयोजन किया जाता है जिसका उद्देश्य है देश में मतदाताओं की भागीदारी में वृद्धि लाना, लोगों को मतदान का महत्व बताना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना।राष्ट्रीय मतदाता दिवस को बढ़ावा देने के लिए हर साल इसे एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम है “हर वोट को गिनना: कोई भी मतदाता पीछे न छूटे”।

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में वोटर्स डे के उपलक्ष्य में विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों ने पेंटिंग, स्लोगन एवं रंगोली के माध्यम से मतदान का महत्व बताने का प्रयास किया। माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों ने मतदान का महत्व विषय पर निबंध लिखकर प्रत्येक कोर्ट के महत्व को बताने का प्रयास किया। विद्यार्थियों ने विभिन्न आकर्षक रंगोली के माध्यम से मतदाता एवं मतदान के महत्व पर प्रकाश डाला हम बताने का प्रयास किया कि प्रत्येक मतदाता का मतदान अर्थात प्रत्येक वोट कितना कीमती होता है। प्रत्येक वाटर का वोट देश की दशा और दिशा तय करता है।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपिका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि लोकसभा के चुनाव हों या विधानसभा के सभी को मतदान करना चाहिए। वोट डालना हर नागरिक का कर्तव्य है। लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा, यह पांच साल के बाद आते हैं इसलिए चुनावों में वोट डालना बहुत जरूरी होता है। लोकतंत्र में वोट डालना वोटरों का कर्तव्य और जिम्मेदारी बनती है। चुनाव में प्रत्येक मतदाता उस अधिकार का प्रयोग करें जोकि समाज, राज्य और देश की भलाई के लिए बहुत जरूरी है। जितना ज्यादा मतदान होगा, हमारा लोकतंत्र भी उतना ही ज्यादा मजबूत होगा। क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जहां पर चाहे केंद्र की सरकार और चाहे किसी राज्य की, उसे चुनने का माध्यम एक वोट ही है। इसलिए इस देश में वोट की महत्ता बहुत ज्यादा है। इस महत्ता को ध्यान में रखते हुए ही अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। चुनाव आयोग के निर्देश पर अधिक से अधिक मतदान करवाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से तमाम पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। वोट का इस्तेमाल बिना की किसी भय और लालच से करना चाहिए। किसी के पीछे लगकर नहीं अपनी सूझ बूझ से अच्छे प्रत्याशी को वोट करनी चाहिए।चुनाव में वोट डालकर हम अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकते हैं। अगर तुम मतदान का कर्तव्य नहीं निभाते हो तो तुम अपनी बात सुने जाने का अधिकार भी खो देते हो।लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक वयस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत का अधिकार प्रदान किया जाय। मताधिकार सम्पादन। जिस देश में जितने ही अधिक नागरिकों को मताधिकार प्राप्त रहता है उस देश को उतना ही अधिक जनतांत्रिक समझा जाता है।

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