रायगढ़,23 जनवरी । पूंजीपरा पुलिस द्वारा आज स्थानीय सिंघल इंटर प्राईजेस प्राईवेट लिमिटेड तराईमाल के कांटा ऑपरेटर-धीरज मिश्रा और ट्रेलर वाहन के ड्राइवर-सोनू कुमार को धोखाधड़ी के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है, आरोपियों द्वारा मिली भगत कर प्लांट में सप्लाई होने वाली आयरन पेलेट ओर में गड़बड़ी कर 12 टन माल को बेचने जंगल में छिपा रखे थे जिसे पुलिस ने जप्त किया है ।
प्लांट के कांटा ऑपरेटर और ट्रेलर वाहन के चालक की गड़बड़ी को लेकर 17 जनवरी को थाना पूंजीपथरा में प्लांट के सुरक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कर बताये कि दिनांक 14.01.2024 को MSP स्टील पावर लिमिटेड जामगांव से वाहन क्रमांक CG 13LA 4525 में चालक सोनू कुमार आयरन ओर प्लेट लोड कर प्लांट में लाया जो वाहन में लोड आयरन एवं प्लेट का कांटा कराने पश्चात अनलोड पाईंट गई । वाहन में लोड सामान कम होने की शंका पर पुन: कांटा कराया गया तो कांटा पर्ची में दर्शित 63.230 मेट्रिक टन में 12 टन कम होना पाया गया, ड्राइवर गाड़ी छोड़कर मौके से भाग निकला । प्लांट अधिकारियों ने जांच में पाया कि वाहन चालक द्वारा कांटा आपरेटर धीरज मिश्रा से मिली भगत कर कांटा पर्ची में 12 टन मटेरियल कम होने के पश्चात 63.230 टन उल्लेख कर कंपनी को धोखाधडी किया गया है ।
थाना प्रभारी पूंजीपथरा द्वारा दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया गया । विवेचना दौरान पाया गया कि प्लांट के कांटा ऑपरेटर-धीरज मिश्रा और ट्रेलर वाहन के ड्राइवर-सोनू कुमार द्वारा बेईमानी से मुनाफा कमाने सांठगांठ कर धोखाधड़ी किया गया है । पुलिस टीम ने फरार आरोपी ड्रायवर द्वारा जंगल में डंप किये 12 टन आयरन मटेरियल कीमती 1.25 लाख रूपये को जप्त कर दोनों आरोपी (1) सोनू महंत पिता कृष्णा महंत उम्र 23 साल निवासी विजयनगर थाना कापू हाल मुकाम गोरखा थाना कोतरारोड़ रायगढ़ (2) धीरज मिश्रा पिता स्वर्गीय प्रभाकर मिश्रा उम्र 39 साल निवासी रेलीगडा थाना गिद्दी जिला हजारीबाग हाल मुकाम सिंघल इंटरप्राइजेस तराईमाल थाना पूंजीपथरा जिला रायगढ़ को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी के अपराध में रिमांड पर भेजा गया, आरोपियों का न्यायिक रिमांड प्राप्त होने पर दोनों को जेल दाखिल किया गया है । आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी में थाना प्रभारी पूंजीपथरा निरीक्षक कृष्णकांत सिंह, सहायक उप निरीक्षक चंदन नेताम, विजय एक्का, आरक्षक सुकृत डहरिया और आरक्षक नरेन्द्र पैंकरा की अहम भूमिका रही है ।
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