डेस्क । आपने जेड प्लस सुरक्षा के बारे में तो सुना ही होगा। यह सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या अन्य वीवीआईपी लोगों को ही मिलती है। सेलिब्रिटी और बिजनेसमैन को भी नियम और शर्तों के आधार पर जेड प्लस सुरक्षा दी जाती है।
अगर हम आपसे कहें कि एक पेड़ है, जिसे 24 घंटे जेड़ प्लस सुरक्षा दी जाती है, तो आपको सुनकर अजीब तो लगेगा। लेकिन यह एकदम सच है। इस वीवीआईपी पेड़ की सुरक्षा में 24 घंटे चार गार्ड तैनात रहते हैं । तो चलिए जानते हैं भारत में कहां देखने को मिलता है ऐसा वीवीआईपी पेड़।
कई बार नष्ट करने का प्रयास
हम जिस मूल बोधि वृक्ष की बात कर रहे हैं, वह बिहार के गया जिले में है। इस पेड़ को न जाने कितनी बार नष्ट करने का प्रयास किया गया है। लेकिन हर बार नया पेड़ उग आता है। सन 1857 में प्राकृतिक अपदा के कारण यह पेड़ पूरी तरह से नष्ट हो गया था। फिर 1880 में अंग्रेज अफसर लॉर्ड कनिंघम ने श्रीलंका के अनुराधापुरम से बोधि वृक्ष की टहनी मंगवाई और उसे बोधगया में फिर से लगवाया। तब से वह पवित्र बोधि वृक्ष आज भी वहां मौजूद है।
सलामतपुर की पहाड़ी पर मौजूद है यह पेड़
यह पेड़ आपको मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच सलामतपुर की पहाड़ियों पर लगा है। आपको जानकर हैरत होगी कि यह पेड़ श्रीलंका के तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने साल 2012 में भारत दौरे के दौरान लगाया था।
सुरक्षा में लाखों रुपए आता है खर्च
इस पेड़ का मूल्य इसी बात से समझ आता है कि मध्यप्रदेश सरकार इसकी सुरक्षा में हर साल लगभग 12 से 15 लाख रुपए तक खर्च करती है। यह पेड़ 100 एकड़ की पहाड़ी पर लोहे की 15 फीट ऊंची जाली में लहलाता है। जिसे बोधि वृक्ष कहते हैं, जो एक पीपल का पेड़ है।
डीएम की निगरानी में होती है देखभाल
इस पेड़ की देखभाल डीएम की निगरानी में होती है। पेड़ की सिंचाई के लिए अलग से टैंकर की व्यवस्था की जाती है। पेड़ स्वस्थ रहे, इसका बकायदा ख्याल रखा जाता है। इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी दौरा करने भी आते हैं। पेड़ का अगर एक पत्ता भी सूख जाए, तो प्रशासन टेंशन में आ जाता है। पेड़ के पत्ते सूखने पर प्रशासन चौकन्ना हो जाता है और जल्द ही इसे अच्छा ट्रीटमेंट दिया जाता है।
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