गुजरात, महाराष्ट्र समेत चार राज्य देश का 65 प्रतिशत निर्यात करते हैं। इसी तरह जिला स्तर पर देखें तो 80 प्रतिशत निर्यात देश के 62 जिलों से होता है। निर्यात और प्रति व्यक्ति आय की तुलना करें तो जिन राज्यों से निर्यात ज्यादा होता है, उनकी प्रति व्यक्ति आय भी अधिक है। इससे पता चलता है कि निर्यात का फायदा सिर्फ निर्यातक को नहीं, बल्कि पूरे वैल्यू चेन को मिलता है।
सोर्सेक्स इंडिया के उद्घाटन में बोले संतोष कुमार सारंगी
विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) संतोष कुमार सारंगी ने बुधवार को नई दिल्ली में सोर्सेक्स इंडिया के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। इसमें 30 से ज्यादा देशों के 100 से अधिक खरीदार और लगभग 150 भारतीय ब्रांड भाग ले रहे हैं। निर्यातकों के संगठन फियो के इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सारंगी ने कहा कि भारतीय निर्यातकों को इस सम्मेलन तथा विदेश व्यापार समझौतों (एफटीए) का इस्तेमाल अपने ब्रांड को विश्व स्तर पर पहचान बनाने में करना चाहिए।
क्या है प्लान
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के अगले संस्करणों में भारतीय ब्रांड के साथ खरीदारों की संख्या भी कई गुना बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे सम्मेलनों से छोटे और मझोले उपक्रमों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से रूबरू होने का मौका मिलता है। दूसरे देशों में होने वाले ऐसे कार्यक्रमों में भारत से बहुत कम एसएमई भाग ले पाते हैं।
इस मौके पर फियो के नवनिर्वाचित अध्यक्ष इसरार अहमद ने कहा कि यह सम्मेलन ग्लोबल स्टेज पर भारतीय ब्रांड को दिखाने का बेहतरीन मौका है। यह सिर्फ प्रदर्शनी नहीं, भारतीय ब्रांड को ग्लोबल स्तर पर लांच करने का अवसर भी है। इन तीन दिनों में बी2बी बैठकें, नॉलेज शेयरिंग सेशन और इंटरएक्टिव वर्कशॉप आयोजित होंगे। इससे भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की रुचि को समझने का मौका मिलेगा।
2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर के निर्यात का लक्ष्य
फियो के डायरेक्टर जनरल और सीईओ डॉ अजय सहाय ने कहा कि भारत ने वर्ष 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य रखा है। यह सम्मेलन न सिर्फ इस लक्ष्य को हासिल करने में मददगार होगा, बल्कि इससे देश के विकास को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत में यह क्षमता, संसाधन और इकोसिस्टम है कि वह विश्व स्तर पर प्रमुख सप्लायर बन सके। फियो क्वालिटी पर भी फोकस कर रहा है और खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट का निर्यात रोकने के प्रयास कर रहा है।
विदेशों में इन चीजों की मांग
घाना से आए व्यवसायी फ्रांसिस क्वामे वोर्ग्बे ने बताया कि वे यहां विशेष रूप से कच्चे माल की खरीद के लिए आए हैं। वे कॉस्मेटिक्स और फूड सप्लीमेंट के कच्चे माल के अलावा मसालों, औषधीय पौधों और इसेंशियल ऑयल की खरीद करना चाहते हैं।
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