कोरबा, 13 जनवरी । 7 दिवसीय संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा आयोजन के दौरान चौथे दिन भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। पोडीबहार आदर्श नगर स्थित महाकालेश्वर शिव मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के चौथे दिवस पर आचार्य पंडित राजेश शास्त्री ने यह बात कही। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
पंडित राजेश शास्त्री ने सुनाई कथा
कथा व्यास आचार्य राजेश शास्त्री ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।
श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे
श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां और चाकलेट बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रदुम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई।
कथा में संतोष शुक्ला, सुरेंद्र गड़ेवाल, मनोज मिश्रा, सीएल देवांगन, जी पी हलवाई, वस्त्रकार जी, वैष्णव जी, महिला समिति के सभी सदस्यों सहित दूर से कई लोगों ने पहुंचकर व्यासपीठ की पूजन कर महाराज का आशीर्वाद लिया।
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