रिटायर्ड BSF जवान की हत्या पर आरक्षक को आजीवन कारावास

इटारसी । करीब चार वर्ष पूर्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के रिटायर्ड आरक्षक की हत्या करने के मामले में बीएसएफ के ही एक अन्य आरक्षक को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है। घटना 18 मार्च 2019 को सुबह 7:30 के आसपास हुई थी, जब रिटायर्ड आरक्षक अपनी 6 वर्ष की पुत्री को स्कूल छोडने पथरोटा गया था।

द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश इटारसी ललित कुमार झा ने इस सनसनीखेज हत्याकांड के प्रकरण में बीएसएफ अम्बासा, त्रिपुरा में पदस्थ आरक्षक आरोपी कुशमेन्द्र सिंह जाटव पिता चेतराम जाटव निवासी ग्राम धौंधी जिला सीतापुर उप्र को दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 1000 रुपये अर्थदंड, धारा 27 आम्स एक्ट में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये अर्थदंड से दंडित किया।

जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि घटना 18 मार्च 2019 को सुबह 7.30 बजे उस वक्त हुई थी, जब बीएसएफ से रिटायर्ड अल्फेन्ड नेरियस अपनी बेटी इतिशिया उर्फ ऐनी उम्र 6 वर्ष को एनटीपीसी स्कूल पथरौटा स्कूटी से छोडने गए थे। कुछ देर बाद अल्फेन्ड नेरियस की पत्नी इमोरलिन नेरियस भी स्कूल चली गई थी। उन्हें स्कूल में अपने पति को गोली मारे जाने की सूचना मिली थी। वह घटनास्थल पर पहुंची तो वहां पुलिस स्टाफ एवम उसकी बेटी इतिशिया उर्फ ऐनी खड़ी थी, जिसने बताया कि उनको सोयाबीन फैक्ट्री के पास कुशमेन्द्र सिंह अंकल मिले जिन्होंने हाथ देकर पापा को रोका, यहां जोर-जोर से बातचीत कर विवाद करने लगे तब पापा ने कुशमेन्द्र को फार्म हाउस प्लाट पर ले जाने के लिए स्कूटी पर पीछे बैठा लिया। पांडूखड़ी रास्ते पर कुशमेन्द्र सिंह ने स्कूटी को हिलाकर गिरा दिया तथा छोटी बंदूक से पापा के कंधे में गोली मार दी। आरोपित कुशमेन्द्र के विरुद्ध धारा 302 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर तत्कालीन थाना प्रभारी कंचनसिंह ठाकुर ने विवेचना कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान शासन की ओर से अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी एचएस यादव द्वारा पैरवी की गई।

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