रेडक्रॉस की लापरवाही से महिला का गर्भपात:पर्ची देखकर भी दी गलत टेबलेट 2 महीने पहले इकलौते बेटे की हुई है मौत

बिलासपुर में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) के रेड-क्रॉस मेडिकल स्टोर के स्टाफ ने गर्भवती महिला को गर्भपात की दवा दे दी। जिसे खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसका मिसकैरेज हो गया। इस लापरवाही के बाद परिजनों ने सिम्स में जमकर हंगामा किया। महिला के पति ने भ्रूण हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।दरअसल, सरकंडा के कपिल नगर निवासी पूजा सूर्यवंशी तीन महीने की गर्भवती थी। उसके पति दीपक सूर्यवंशी ने बताया कि वह अपनी पत्नी का सिम्स में चेकअप करा रहा था। 19 दिसंबर को वह पूजा को लेकर नियमित जांच कराने के लिए सिम्स के गायनिक डॉक्टर के पास गया था। जांच के बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने पर्ची में दवाई भी लिखी थी।

दवाई खाने के बाद हुई घबराहट

डॉक्टर की पर्ची लेकर दीपक और पूजा सिम्स परिसर स्थित रेड-क्रॉस दवाई दुकान पहुंचे। वहां के कर्मचारी ने पक्की बिल के साथ दवाई भी दी जिसे लेकर पूजा अपने घर चली गई। दोपहर 12 बजे दवाई खाकर वह आराम करने लगी तभी कुछ समय बाद पूजा को घबराहट के साथ-साथ ब्लीडींग शुरू हो गई। फिर देखते ही देखते पूजा की तबीयत बिगड़ गई।

दवा का रैपर देखकर डॉक्टर हैरान रह गई

सिम्स पहुंचने के बाद पता चला कि पूजा का गर्भपात हो गया है। स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ने जांच के बाद पूजा को डांटते हुए लहजे में कहा, कि क्या दवाई खाई है। महिला ने दवाई का रैपर दिखाया, जिसे देखकर डॉक्टर हैरान रह गई। रैपर और पर्ची की दवा अलग अलग थी। पूजा ने बताया कि पर्ची दिखाने के बाद मेडिकल स्टोर में उसे यही दवाई दी गई थी।

रेडक्रॉस के स्टाफ ने पति-पत्नी को दी धमकी

पति दीपक सूर्यवंशी ने बताया कि सिम्स के डॉक्टर से पूछताछ करने के बाद पीड़ित रेडक्रॉस दुकान गए तो वहां के कर्मचारियों ने पहले समझौता करने का दबाव बनाया। जब परिजन ने हंगामा किया तो उल्टा उसे धमकाने लगे कि जहां शिकायत करना है कर दो, हमारा कुछ नहीं होने वाला है, जो भी होगा आप लोगों का होगा। पीड़िता महिला अब जगह-जगह चक्कर लगाकर परेशान है।

2 माह पहले एकलौते बेटे की हुई थी मौत

दीपक ने बताया कि हमारा एक तीन साल का बेटा था। बीमारी के चलते दो माह पहले ही उसकी मौत हो गई थी। तब से सभी परिवार के सदस्य सदमे में थे। इस बीच पूजा गर्भवती हुई, तो खुशी की उम्मीद लेकर चल रहे थे। लेकिन रेडक्रॉस के कर्मचारी की लापरवाही के चलते आने वाले दूसरे बच्चे की भी जान चली गई।

भ्रूण हत्या का लगाया आरोप

दीपक सूर्यवंशी ने कहा कि सिम्स के डॉक्टर ने सही दवाई लिखकर दी थी, लेकिन रेडक्रॉस के कर्मचारियों ने गलत दवाई देकर हमारे आने वाले संतान की हत्या कर दी। सिम्स के अधीक्षक, कलेक्टर और पुलिस में शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

अधीक्षक बोले- इलाज से संतुष्ट है महिला

सिम्स के अधीक्षक डॉ. सुजीत नायक ने कहा कि पीड़ित परिवार शिकायत लेकर आए थे। उनका कहना है कि रेडक्रॉस के कर्मचारी ने गलत दवाई दी है। जिसके चलते गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ गई लेकिन वे सिम्स के इलाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं।

नोडल अधिकारी ने कहा- शिकायत फर्जी

इधर, रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर के नोडल अधिकारी सौरभ सक्सेना ने स्टाफ का बचाव करते हुए उनकी गलती मानने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से गलत दवाई नहीं दी गई है, जो पर्ची में लिखा था वहीं दवाई दी गई। स्वजन फर्जी शिकायत कर रहे हैं। मरीज को पहले से ही ब्लीडींग हो रही थी। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।