ये है MBBS की असली फुल फॉर्म, ऐसा है नाम, जिसे बोलने में लड़खड़ा जाएगी जुबान

अन्य क्षेत्रों की तुलना में मेडिकल क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण है। डॉक्टर बनना कभी भी आसान नहीं रहा है। डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहला ख्याल MBBS डिग्री का आता है।

जो उम्मीदवार मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं वह 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, अंडरग्रेडजुएट (NEET UG) में सफल होने के बाद इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।

इसी के साथ हमने अक्सर पढ़ा है कि MBBS की फुल फॉर्म ‘बैचरल ऑफ मेडिकल एंड बैचलर ऑफ सर्जरी’ होती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है “बैचरल ऑफ मेडिकल एंड बैचलर ऑफ सर्जरी” को आखिरकार शॉर्ट फॉर्म में MBBS क्यों कहा जाता है? जबकि अगर “बैचरल ऑफ मेडिकल एंड बैचलर ऑफ सर्जरी” की शॉर्ट फॉर्म लिखी जाए तो वह ‘BMBS’ न कि ‘MBBS’

आज हम आपकी इसी कंफ्यूजन को दूर करेंगे। दरअसल MBBS शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा में हुई है, जिसका अर्थ है ‘मेडिसिने बैकालॉरियस, बैकालॉरियस चिरुर्गिया’ यानी ‘Medicinae Baccalaureus, Baccalaureus Chirurgiae’, बता दें, मेडिकल में एमबीबीएस की इसी फुल फॉर्म को प्राथमिकता दी जाती है।

M – Medicinae

B – Baccalaureus

B – Baccalaureus

S – Chirurgiae

आइए जानते हैं MBBS कोर्स के बारे में

उम्मीदवारों को बता दें, MBBS साढ़े पांच साल का कोर्स है, जिसमें एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप भी शामिल है।

सिलेबस को प्री-क्लिनिकल, पैरा-क्लिनिकल और क्लिनिकल में बांटा गया है। एमबीबीएस कोर्स में में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवारों ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ कक्षा 12वीं की परीक्षा 50% मार्क्स के साथ पास की हो। जिसके बाद उम्मीदवारों को NEET UG परीक्षा में शामिल होना होगा। जो उम्मीदवार NEET क्लियर करेंगे उन्हें विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट के प्रोसेस से गुजरना होगा।

बता दें, एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद, उम्मीदवार के पास करियर के कई ऑप्शन खुल जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से है कि आप अस्पताल के डॉक्टर के रूप में काम कर सकते हैं और अपनी प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं या आप आप MD (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन), और MS (मास्टर ऑफ सर्जरी) जैसे कोर्स के लिए हायर एजुकेशन ले सकते हैं।

इसी के साथ बता दें, MBBS कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों का मेडिकल रूप से फिट होना अनिवार्य है। दाखिले के दौरान फिटनेस सर्टिफिकेट जमा करना आवश्यक हो सकता है। इस क्षेत्र में मेडिकल रूप से फिटनेस इसलिए अनिवार्य है क्योंकि मेडिकल क्षेत्र अक्सर लंबे समय और तनावपूर्ण स्थितियों को कंट्रोल करने की क्षमता की मांग करता है।