कोरबा/पाली, 7 दिसंबर। सरकार की तमाम योजनाओं के बाद आज भी कई गांव और मजरे ऐसे है जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और रहवासियों की निगाहें शासन- प्रशासन पर टिकी है कि कब उनके गांव की तस्वीर बदलेगी और उन्हें भी कब बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। कुछ ऐसा ही हालात चोरकाडांड का है जहां के निवासियों को सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा के लिए दो चार होना पड़ रहा है।
पाली जनपद पंचायत अंतर्गत बीहड़ पहाड़ी एवं वनांचल ग्राम पंचायत पहाडग़ांव के ग्राम चोरकाडांड जहां के निवासी बिजली, पानी, सड़क सहित शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं। यहां पीने के पानी की दिक्कत है। गांव में कुल चार हेंडपम्प में तीन सही है जिसके पानी से 30- 35 घरों के गोंड व उरांव परिवार के लोग प्यास बुझा रहे है। दो वर्ष पूर्व विद्युत खम्भा तो लग गया लेकिन तार आजतक नही पहुँचा। यहां सौर ऊर्जा सिस्टम विद्युत व्यवस्था से रात में केवल चार से पांच घण्टे ही उजाले की व्यवस्था हो पाती है जबकि बदली या बारिश के दिनों में महज एक से दो घण्टे की विद्युत मिल पाती है। इस ग्राम में संचालित प्राथमिक शाला शिक्षक के अभाव में सात वर्ष पूर्व बंद हो चुका है।
ऐसे में प्राथमिक स्तर के बच्चे 4 कि.मी. राहा व मिडिल वाले 6 कि.मी. पैदल तय कर सपलवा पढ़ने जाते है। सबसे विकराल समस्या यहां पहुँच की है क्योंकि गड्ढे भरे कच्चे पगडंडी वाले रास्ते के बीच मे बारहमासी बहता नदी इस ग्राम के विकास को बाधित करता है जो बरसाती दिनों में उफान पर रहता है और गांव टापू बन जाता है। ऐसे में आलम यह होता है कि यदि कोई बीमार पड़ जाए या किसी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुआ तो समझिये उस परिवार पर शामत आ जाता है व उनके लिए अस्पताल तक पहुँचना असंभव हो जाता है। बारिश के दिनों में सर्पदंश से पीड़ितों को उपचार न मिलने पर उनकी जाने भी चली गई है। नदी का जलस्तर बढ़ने से बच्चों की पढ़ाई भी काफी प्रभावित होती है। परिवारों को सरकारी राशन भी उपलब्ध नही हो पाता और यहां के लोग गांव से बाहर निकल नही पाते। यहां के निवासियों का कहना है कि सांसद, विधायक, जनपद अध्यक्ष सदस्य से लेकर जिला जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। इस स्थिति में यहां शासन- प्रशासन के सभी दावे खोखले नजर आते है और इस गांव को आज भी पिछडा एवं बीहड़ इलाके में गिनती किया जाता है तथा यहां के निवासी उपेक्षित जीवन जी रहे है। उन्हें अपेक्षा है कि शासन की मूलभूत सुविधाएं उन तक पहुँचेगी और उनका भी गांव एक दिन विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगा।
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