कोरबा विधानसभा में हार के कारण रहे ये महापौर, सभापति, कांग्रेस शहर अध्यक्ष व MIC मेंबर, जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष, के वार्ड में कांग्रेस पिछड़ गई

कोरबा,06 दिसम्बर I कोरबा विधानसभा में भाजपा ने 25 हजार 629 मतों से कांग्रेस को मात दी है। इसके बाद से ही यह चर्चा रही है कि कांग्रेस उन वार्डों में भी पिछड़ गई जहां कांग्रेस के दिग्गज रहते हैं। यही नहीं महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, कांग्रेस शहर अध्यक्ष व एमआईसी मेंबर सपना चौहान, जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल के वार्ड में भी कांग्रेस पिछड़ गई। इसी वार्ड में तत्कालीन राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का भी निवास है। विधानसभा में 243 मतदान केन्द्र हैं, जिसमें भाजपा ने 221 तो कांग्रेस ने मात्र 22 मतदान केन्द्रों में भी बढ़त बना पाई। इसी वजह से हर राउंड में कांग्रेस पीछे रही।

कोरबा विधानसभा से भाजपा के लखनलाल देवांगन ने जीत हासिल की है। निगम के वार्ड क्रमांक 14 पंप हाऊस में 6 मतदान केन्द्र हैं, लेकिन यहां कांग्रेस को मात्र 1858 वोट ही मिले। भाजपा को 2904 वोट मिले हैं। यहां कांग्रेस 1046 वोटों से पीछे रही है। सभापति श्यामसुंदर सोनी का वार्ड क्रमांक 12 है। यहां चार मतदान केन्द्र में कांग्रेस को 875 वोट ही मिले हैं। भाजपा को 1651 वोट पड़े। यहां भाजपा की 176 वोटों से लीड रही। जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष सपना चौहान मुड़ापार वार्ड से आती है। कांग्रेस को यहां 945 तो भाजपा को 1578 वोट ही मिले। यहां कांग्रेस 628 वोट से पीछे रही।

इसी तरह वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद और जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल हैं, यहां भी 4 में से 3 मतदान केन्द्रों में कांग्रेस पीछे रही है। गांधी चौक के बूथ पर कांग्रेस को 178 और भाजपा को 242 वोट मिले हैं। अग्रोहा मार्ग पर कांग्रेस को 201 तो भाजपा को 290 वोट मिले। पथर्रीपारा क्षेत्र के वार्डों में जरूर कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसका मुख्य कारण एमआईसी मेंबर सुनीता राठौर की सक्रियता के साथ ही सबसे अधिक पट्‌टा का वितरण भी है।

रामपुर में भाजपा हार की समीक्षा में जुटी रामपुर विधानसभा में भाजपा भी हार की समीक्षा में जुटी हुई है। भाजपा नेता अनिल चौरसिया का कहना है कि जो पदाधिकारी थे, उन्हीं के क्षेत्रों में भाजपा बढ़त नहीं बना पाई है। इसकी समीक्षा की जा रही है, जो दावेदार थे, कमजोर रहे। यहां कांग्रेस के फूलसिंह राठिया ने 22 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की है। जातिगत ध्रुवीकरण का प्रयास भाजपा का सफल नहीं रहा।