नई दिल्ली । उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत भूमि, आकाश, समुद्र और अंतरिक्ष के क्षेत्र में राष्ट्रों की अग्रणी पंक्ति में है और यह उपलब्धि पिछले साल आईएनएस-विक्रांत के प्रक्षेपण और कई स्वदेशी रक्षा उपकरणों के विकास से सिद्ध हुई है। श्री धनखड़ ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के 49 वें एडवांस्ड प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एपीपीपीए) के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है और 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए निर्णय लेने के महत्व का उल्लेख करते हुए उच्चतम स्तर के प्रदर्शन और कर्तव्य के प्रति अपनी अटूट भावना का उदाहरण पेश करने के लिए रक्षा कर्मियों की सराहना की। श्री धनखड़ ने कहा कि भारतीय मानव प्रतिभा दुनिया में बेजोड़ है। उन्होंने कहा कि आबादी के सभी वर्गों की प्रौद्योगिकी अपनाने की इच्छा के परिणामस्वरूप प्रति व्यक्ति इंटरनेट डेटा खपत आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक हो गई है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य एक बड़े बदलाव को दर्शाता है। अब सत्ता के गलियारे सत्ता के दलालों, संपर्क एजेंटों और बिचौलियों से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं। चंद्रयान -3 के सफल प्रक्षेपण का उल्लेख करते हुए कहा कि इसरो ने सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी बाजार मूल्य पर कई विकसित देशों के उपग्रहों का प्रक्षेपण करके अपने लिए एक जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि जब अनुसंधान करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और 6जी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात आती है तो भारत अग्रणी देशों में से एक है।
[metaslider id="347522"]