कोरोना महामारी के भयानक मंजर को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं। इस जानलेवा बीमारी ने कई लोगों की जान छीन ली थी। हालांकि, कोरोना महामारी के बाद अब स्वास्थ्य विशेषज्ञ किसी नई और बड़ी महामारी को लेकर चिंतित हैं। इसी बीच चीन में रहस्यमयी निमोनिया के कहर के बाद अब ब्रिटेन से एक चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। यहां उत्तरी यॉर्कशायर में सूअरों में फैलने वाले A(H1N2)v के पहले मानव मामले की पुष्टि की है।
यह H1N1 वायरस, जिसे स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, का एक प्रकार है। एक नियमित फ्लू स्क्रीनिंग टेस्ट में A(H1N2)v संक्रमण का पता चला। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) के मुताबिक यूके में पाया गया यह वायरस वैश्विक स्तर पर स्वाइन फ्लू के हालिया मानव मामलों से थोड़ा अलग है, लेकिन यूके के सूअरों में पाए जाने वाले वायरस के समान है।
एजेंसी ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के आधार पर ब्रिटेन में हाल ही में पाया गया वायरस साल 2005 के बाद से वैश्विक स्तर पर कहीं और पाए गए 50 या अन्य मानव मामलों में पाए गए स्ट्रेन से अलग था। बता दें कि इससे पहले साल 2009 में सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों में फैलने वाले वायरस के कारण मनुष्यों में स्वाइन फ्लू की महामारी फैली थी। आइए जानते हैं स्वाइन फ्लू के इस नए स्ट्रेन के बारे में-
क्या है H1N1 स्ट्रेन?
H1N1 स्ट्रेन को आमतौर पर स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण है, जो एक प्रकार का फ्लू (इन्फ्लूएंजा) वायरस पैदा करता है। इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह सूअरों को प्रभावित करता है। यह वायरस सूअरों में फेफड़े (रेस्पिरेटरी) की बीमारी का कारण बनता है। इसके अलावा यह मनुष्यों में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का कारण बनता है।
H1N1 से कैसे अलग है A(H1N2)v?
बात करें A(H1N2)v स्ट्रेन की तो, यह नया स्ट्रेन H1N1 स्ट्रेन, जो 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी का कारण था, से अलग है। यह एक इन्फ्लूएंजा ए का एक सबटाइप है, जो आमतौर पर मनुष्यों, पक्षियों और सूअरों समेत सात विभिन्न प्रजातियों में पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जानवरों को संक्रमित करने वाले इन्फ्लूएंजा वायरस मनुष्यों को संक्रमित करने वाले वायरस से भिन्न होते हैं और मनुष्यों में नहीं फैलते हैं।
A(H1N2)v के लक्षण क्या हैं?
हाल ही में ब्रिटेन से सामने आए A(H1N2)v स्ट्रेन के नए मामले में वायरस सबसे अधिक रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है। इस वायरस के लक्षण के बारे में यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को श्वसन तंत्र संबंधी लक्षण थे। वहीं, बात करें H1N1 फ्लू के लक्षणों की तो, मायो क्लिनिक के मुताबिक यह लक्षण निम्न हैं-
- दस्त
- खांसी
- बुखार
- पेटदर्द
- सिरदर्द
- आंखों में दर्द
- शरीर में दर्द
- गले में खराश
- मतली या उल्टी
- बहती या बंद नाक
- मांसपेशियों में दर्द
- आंखों से पानी आना
- थकान और कमजोरी
- ठंड लगना और पसीना
हालांकि, शिशुओं और बच्चों में यह लक्षण अलग हो सकते हैं। अगर आपके शिशु या बच्चे में नीचे दिए लक्षणों में से कोई भी लक्षण है, तो तुरंत किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करें-
- कन्फ्यूजन
- जागने में परेशानी
- सांस लेने में तकलीफ
- दाने के साथ बुखार आना
- पर्याप्त तरल पदार्थ न पीना
स्वाइन फ्लू से कैसे बचाव करें?
स्वाइन फ्लू (H1N1) से बचने का सबसे कारगर तरीका फ्लू टीका लगवाना है। फ्लू के टीके ने लोगों को साल 2010 से स्वाइन फ्लू से बचाने में मदद की है। इसके अलावा आप निम्न बातों को ध्यान में रख स्वाइन फ्लू के स्ट्रेन को फैलने से रोक सकते हैं-
- अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचें।
- अपने हाथ साबुन और पानी से बार-बार धोएं।
- ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचें, जो बीमार हैं।
- छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को रुमाल से ढकें।
- किसी के साथ कप, स्ट्रॉ और बर्तन जैसी व्यक्तिगत चीजें शेयर न करें।
- अगर आप बीमार हैं या आप में कोई लक्षण नजर आ रहे हैं, तो घर पर ही रहें।
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