आंवला नवमी पर बालको में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए नेता प्रतिपक्ष हितानंद

कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा के साथ व्रत किया जाता है। इसे आंवला नवमी कहते हैं। ऐसा करने से पर मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। इसलिए इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता व सुख -समृद्धि की कामना की जाती है, आज आंवला नवमी के शुभ अवसर पर श्री राम मंदिर बालको नगर में नेता प्रतिपक्ष एवं राम मंदिर सेवा समाज के अध्यक्ष हितानंद अग्रवाल जी, सचिव सुधीर शर्मा जी समेत अनेक भक्तजनों के द्वारा आंवला नवमी की पूजा अर्चना की गई।

नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी है, इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं अर्थात इनका कभी क्षय नहीं होता हैं। भविष्य, स्कंद, पद्म और विष्णु पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।

पूजा के बाद इस पेड़ की छाया में बैठकर खाना खाया जाता है। ऐसा करने से हर तरह के पाप और बीमारियां दूर होती हैं। इस दिन किया गया तप, जप , दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है।