Diwali 2023: दिवाली के त्योहार में चारों ओर दीए की जगमगाहट फैली रहती है। रोशनी के इस त्योहार में हम दीए जलाकर अपने जीवन के अंधेरे को दूर करने की कामना करते हैं। लेकिन इस त्योहार पर लोग केवल दीए ही नहीं, बल्कि पटाखे भी खूब जलाते हैं। दिल्ली की दम घोटू हवा को पटाखे और जहरीला बना सकते हैं। इसलिए पटाखे न जलाना ही सबसे समझदारी का काम है। सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, पूरे देश में कुछ खास केमिकल वाले पटाखे जलाने पर बैन लगाया है। लेकिन अगर आप पटाखे जला भी रहे हैं, तो कोशिश करें कि ग्रीन पटाखे जलाएं। अगर आप नहीं जानते कि क्या होते हैं ग्रीन पटाखे, तो चिंता मत करीए। हम आपको बताते हैं कि क्या होते हैं, ग्रीन पटाखे और कैसे कर सकते हैं, इसकी पहचान।
क्या है ग्रीन पटाखे?
हरे पटाखे इको-फ्रेंडली पटाखे होते हैं, जिन्हें सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर नीरी) ने 2019 में खास तरह के पटाखे बनाए, जिनका साइज छोटा होता है और ये कोई राख मभी नहीं छोड़ते। इन्हीं पटाखों को ग्रीन पटाखे कहा जाता है। इनमें डस्ट रिप्रेसेंट मिलाए जाते हैं, ताकि हवा में कम प्रदूषण फैले। साधारण पटाखों में बैरियम का इस्तेमाल किया जाता है, जिनसे इनकी शेल्फ लाइफ तो बढ़ जाती है, लेकिन प्रदूषण बहुत अधिक होता है। हम यहां केवल वायु प्रदूषण की बात नहीं कर रहे हैं, इनसे ध्वनि प्रदूषण भी खूब फैलता है। ग्रीन पटाखों के फूटने से वाष्प निकलती है, जो प्रदूषण कम करने में मदद करते हैं। इन पटाखों से आवाज भी कम आती है, जिससे ध्वनि प्रदूषण कम होता है।
ग्रीन पटाखे तीन प्रकार के होते हैं- स्वास (SWAS), स्टार (STAR) और सफल (SAFAL)।
स्वास- स्वास का मतलब है, सेफ वॉटर रिलीजर। इन पटाखों में से जल वाष्प निकलते हैं, जो डस्ट को हवा में फैलने नहीं देते और प्रदूषण कम होता है।
स्टार- स्टार का मतलब होता है, सेफ थरमाइट क्रैकर। इन पटाखों से हवा में प्रदूषक की मात्रा कम रिलीज होती है और इन्हें फोड़ते समय आवाज भी कम होती है।
सफल- इसका मतलब होता है, सेफ मिनिमल एल्युमिनियम। जैसा कि इनके नाम से समझा जा सकता है कि इनमें एल्युमिनियम का इस्तेमाल कम होता है। इन्हें फोड़ने से भी कम आवाज आती है।
ऐसे कर सकते हैं ग्रीन पटाखों की पहचान
ग्रीन पटाखों की पहचान करना बेहद ही आसान है। सीएसआईआर नीरी (CSIR NEERI) के हरे रंग के लोगो से इन पटाखों की पहचान की जा सकती है। इन पटाखों पर एक क्यूआर कोड भी बना होता है, जिसे स्कैन करके आप इन पटाखों के बारे में और जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इस दिवाली अपने और अपने परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए पटाखे न जलाएं और अगर आप जलाना चाहते भी हैं, तो ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करें।
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