कोरबा, 7 नवम्बर। हम सभी भ्रष्टाचार से अच्छी तरह वाकिफ हैं और यह अपने देश में नई बात नहीं है।इसने अपनी जड़ें गहराई से लोगों के दिमाग में बना ली है। यह एक धीमें जहर के रुप में प्राचीन काल से ही समाज में रहा है।यह मुगल साम्राज्य के समय से ही मौजूद रहा है और प्रतिदिन ऊचाइयों को स्पर्श कर रहा है।समाज में सामान्य होता भ्रष्टाचार एक ऐसा लालच है जो इंसान के दिमाग को भ्रष्ट कर रहा है और लोगों के दिलों से इंसानियत और स्वाभाविकता को खत्म कर रहा है।
भ्रष्टाचार एक जहर है जो देश, संप्रदाय और समाज के गलत लोगों के दिमाग में फैला होता है। इसमें केवल छोटी सी इच्छा और अनुचित लाभ के लिए सामान्य जन के संसाधनों की बर्बादी की जाती है इसका संबंध किसी के द्वारा अपनी ताकत और पद का गैरज़रूरी और गलत इस्तेमाल करता है फिर चाहें वो सरकारी या गैर सरकारी संस्था हो।इसका प्रभाव व्यक्ति के विकास के साथ ही राष्ट्र पर भी पड़ रहा है।यही समाज और समुदाय के बीच असमानता का बड़ा कारण है।ये राजनीतिक,आर्थिक और सामाजिक रुप से राष्ट्र की प्रगति में बाधक है।
समाज में फैली इस व्यापक बुराई को समाप्त करने के उद्देश्य से हर वर्ष सतर्कता जागरुकता सप्ताह राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।जिसके अंतर्गत विविध शासकीय और गैर शासकीय संस्थाओं द्वारा लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने एवं जागरुक करने विविध कार्यक्रम किए जाते हैं।
जब बात जागरुकता की हो तो ऐसे में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका कहाँ पीछे रहने वाला है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह पर एसईसीएल -गेवरा के संयुक्त तत्वाधान में बतारी स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने ‘ से ना टू करप्शन,कमिट टू द नेशन ‘ थीम पर भ्रष्टाचार मिटाने का संदेश देते हुए नुक्कड़ नाटक का शानदार प्रदर्शन किया ’बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार देश की उन्नति पर वार’। इस नुक्कड़ नाटक में बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। नुक्कड़ नाटक के सभी प्रतिभागियों को एसईसीएल द्वारा आयोजित भव्य समारोह में पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। एसईसीएल ने विद्यार्थियों को जागरुकता अभियान में उनको इस सहयोग हेतु बधाई दी गई।
आईपीएस दीपका के बच्चों द्वारा एसईसीएल-प्रबंधन के तत्वाधान में आसपास के क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर आधारित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई जिसने लोगों को सहसा अपनी ओर आकर्षित कर लिया।लोगों ने बच्चों के कार्य की जमकर तारीफ की।
सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर विद्यालय के यशस्वी प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए उपस्थित जन समुदाय को संबोधित किया एवं कहा कि अक्सर लोग भ्रष्टाचार शब्द को पैसे के साथ जोड़ते हैं ,जबकि यह कोई संबंध सीधा-सीधा पैसे से नहीं रखता। भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिलकर बना है भ्रष्ट एवं आचार ,अर्थात यदि हम किसी भी रूप में किसी से भी गलत आचरण करते हैं तो वह भ्रष्टाचार कहलाएगा। चाहे हम ऑफिस में किसी के साथ करें चाहे घर में करें ,दुकान में करें ,चाहे होटल में करें। हम सबको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए ।भ्रष्टाचार देश से तभी खत्म हो सकता है जब हम स्वयं खुद के आचरण को सुधारे। हम सबको अपने संस्कार ,अपनी संस्कृति ,अपनी जिम्मेदारी एवं अपने नैतिक मूल्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए। यदि हम इन सभी बातों को अपने ध्यान में रखें तो यकीन मानिए भ्रष्टाचार कोई भी किसी के साथ नहीं कर पाएगा ।हमें अपने कार्य के प्रति हमेशा ईमानदार रहना चाहिए। ईमानदारी सबसे अच्छा गुण है। यदि हम ईमानदार हैं तो यकीन मानिए हम भ्रष्टाचार से कोसों दूर हैं। विद्यालय में पढ़ने वाले सभी देश के कर्णधारों को भी प्रतिदिन नैतिक मूल्यों एवं संस्कारों की शिक्षा देकर उनके मन में संस्कारों का बीजारोपण हमें करना होगा ।तभी हम एक अच्छे राष्ट्र की कल्पना को साकार कर सकते हैं।
भ्रष्टाचार समाज के लिए बहुत ही घातक है। यह एक ऐसी बीमारी जो हमारे देश की जड़ों को खोखला कर रही है।भ्रष्टाचार को मिटाने हमें मिजुलकर प्रयास करना होगा।
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