नई दिल्ली। विपक्ष के नेताओं को एपल की ओर से बड़ी चेतावनी मिली है। इंडिया अलायंस के करीब चार विपक्षी नेताओं ने दावा किया है उन्हें एप्पल की ओर से राज्य-प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी मिली है। दावा के मुताबिक इन नेताओं के आईफोन किसी भी वक्त हैक सकते हैं। एपल ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि उसने इस तरह का कोई अलर्ट नहीं भेजा है, हालांकि एपल ने यह भी कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है आखिर यह नोटिफिकेशन कैसे गया।
शिव सेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, ”जिस तरह से मुझे कल रात चेतावनी मिली, उससे पता चलता है कि यह केंद्र सरकार का पूरा प्लान है और मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है। चेतावनी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये हमले ‘राज्य प्रायोजित’ हैं’…केवल विपक्ष के नेताओं को ही ऐसे संदेश क्यों मिल रहे हैं? इससे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर विपक्ष के निगरानी की चल रही है। इसकी जांच होनी चाहिए और केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है…’
प्रियंका चतुर्वेदी के अलावा टीएमसी की महुआ मोइत्रा और कांग्रेस नेता शशि थरूर के अलावा पवन खेड़ा ने भी इसी तरह का दावा किया है। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि उन्हें एपल की ओर से “राज्य प्रायोजित अटैकर्स द्वारा उनके फोन पर हमला अटैक करने की कोशिश करने के बारे में चेतावनी मिली है।
इन 11 नेताओं और संपादकों को मिली है चेतावनी : महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस सांसद), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना यूबीटी सांसद), राघव चड्ढा (आप सांसद), शशि थरूर (कांग्रेस सांसद), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम सांसद), सीताराम येचुरी (सीपीआई (एम) महासचिव और पूर्व सांसद), पवन खेड़ा (कांग्रेस प्रवक्ता), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष), सिद्धार्थ वरदराजन (संस्थापक संपादक, द वायर), श्रीराम कर्री (निवासी संपादक, डेक्कन क्रॉनिकल), समीर सरन (अध्यक्ष, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन)
मुद्दा नहीं होता है तो जासूसी का आरोप लगाती है विपक्ष : अश्विनी वैष्णव
विपक्ष के नेताओं की तरफ से केंद्र सरकार के खिलाफ लगाए गए जासूसी करने के आरोपों पर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जब विपक्ष के पास मुद्दा नहीं होता तो यह जासूसी का आरोप लगाने लगते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं, लेकिन कुछ लोगों को आलोचना करने की आदत लग गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कई मौकों पर ये नेता हैकिंग के आरोप लगा चुके हैं। कुछ साल पहले भी इन्होंने यही कोशिश की थी। तब न्यायालय की देखरेख में हमने पूरी जांच कराई थी। हालांकि, इसमें कुछ नहीं निकला था। यहां तक प्रियंका गांधी वाड्रा के आरोप कि ‘उनके दोनों बच्चों का फोन हैक है’, ऐसा भी कुछ नहीं था। ये सब झूठ आलोचकों द्वारा फैलाया गया था।
उन्होंने कहा, “कुछ सांसदों ने जो मुद्दा उठाया है कि उनके पास एप्पल से एक अलर्ट आया है। उसके बारे में मैं साफ करना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है, हम इस मुद्दे की तह तक जाएंगे। जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस देश में हमारे कुछ आलोचक हैं जिनकी आलोचना करने की आदत हो गई है। ये लोग देश की उन्नति को पचा नहीं सकते… एप्पल ने 150 देशों में ये सूचना जारी की है। एप्पल के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अनुमान के आधार पर ये सूचना भेजी है।”
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