उत्तर प्रदेश के झांसी में पूर्व प्रधान के घर तेरहवीं भोज खाने गए करीब एक हजार लोग बीमार पड़ गए. बीमार हुए लोगों में किसी को उल्टियां होने लगीं तो किसी को दस्त. आनन-फानन उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. देखते ही देखते इलाके के सरकारी और निजी अस्पतालों में बीमारों की भीड़ लग गई. कुछ लोगों की हालत गंभीर देखते हुए इलाज के लिए उन्हें ग्वालियर भेजा गया. जबकि, बहुत सारे लोगों को झांसी मेडिकल कालेज रेफर किया गया है. बता दें कि पूरा मामला झांसी के पूंछ थाना के ग्राम बरोदा का है. जहां पूर्व प्रधान लाखन सिंह राजपूत के पिता का निधन हो गया था. शुक्रवार को उनकी तेरहवीं थी. तेरहवीं में आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को बुलाया गया था. बताया जा रहा है कि करीब 3 हजार ग्रामीणों को आमंत्रित किया गया था.
लेकिन दोपहर को तेरहवीं भोज खाने के बाद लगभग 1000 लोग बीमार हो गए. उल्टी, दस्त की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. मगर हालात तब खराब हो गए कि जब अस्पताल में लोगों की लाइन लग गई. बिस्तर कम पड़ने लगे तो बीमारों को जिले के बाहर के अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा.
बताया जा रहा है कि देर रात तक तक झांसी मेडिकल कॉलेज में लगभग 100 से ज्यादा लोग भर्ती हो चुके हैं. जबकि, अन्य लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराए गए. जिसको लेकर पूर्व प्रधान ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रंजिशन खाने में कुछ मिलाने की आशंका जताई है. पीड़ितों के मुताबिक, पूर्व प्रधान के घर देर रात तक तेरहवीं कार्यक्रम चलता रहा. लेकिन शनिवार को सुबह होते-होते लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी.
देखते ही देखते दर्जनों गांव में कोहराम मच गया. किसी को उल्टी तो किसी को दस्त होने लगे. पेट में दर्द भी शुरू हो गया. धीरे-धीरे ऐसे मरीजों की संख्या 1000 पहुंच गई. शुरुआत में मरीजों ने इसे मौसमी बीमारी समझा, लेकिन जब उन्हें आराम नहीं हुआ तो वह डॉक्टर के पास पहुंचे. तब पता चला कि उनको फूड प्वाइजनिंग हुई है. झांसी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे ईएमओ डॉ. रवि शर्मा का कहना है कि रात्रि में 10 बजे तक 42 लोगों के बीमार होने की जानकारी हुई है. लगभग 1000 लोग बीमार बताए जा रहे हैं. सबके इलाज की व्यवस्था की जा रही है. अलग वार्ड बनाए गए हैं.
वहीं, मामले की जानकारी होते ही एसडीएम, एसपी ग्रामीण समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. जहां जांच-पड़ताल की गई. उनके साथ खाद्य विभाग की टीम ग्राम बरौदा पहुंची थी. टीम ने पूरी, मिठाई, तेल, दही समेत कई चीजों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं. रिपोर्ट तीन दिन बाद आएगी. रिपोर्ट आने के बाद ही फूड प्वाइजिंग का कारण स्पष्ट होगा.
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