रायपुर, 26 अक्टूबर । रायपुर में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन शांतिपूर्ण व व्यवस्थित ढंग से हुआ। विसर्जन स्थल महादेव घाट में अब तक एक हजार से अधिक बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित हो चुकी है। जिला प्रशासन के तय मापदंडों के अनुरूप ध्वनि विस्तार यंत्रो के प्रयोग को नियंत्रित किये जाने से आम नागरिकों को ध्वनि प्रदूषण से इस बार बड़ी राहत मिली।
रायपुर में दुर्गा पूजा एवं प्रतिमा विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्था की गई, प्रतिमाओं का विसर्जन 23 अक्टूबर से लगातार किया गया। इसके लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्ग दर्शन में नगर निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी ने व्यवस्थाओं के संचालन के लिए रायपुर जिला प्रशासन, पुलिस, यातायात सहित अन्य विभागों से समन्वय की जिम्मेदारी अपर आयुक्त विनोद पांडेय को दी थी।
कलेक्टर-एसएसपी की निगरानी में प्रशासन व पुलिस ने निभाई बड़ी ज़िम्मेदारी
शांतिपूर्ण ढंग से प्रतिमाआ विसर्जन के लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के निर्देशन में पर्याप्त बल की तैनाती महादेवघाट व शहर में की गई थी। इसके चलते बिना किसी अप्रिय घटना के शांति व सद्भावना पूर्वक प्रतिमाएँ विसर्जित हुईं।
निगम आयुक्त ने सभी जोन को सौंपी थी ज़िम्मेदारी
व्यवस्था निर्धारण हेतु जोन क्र. 8 के जोन कमिश्नर अरुण ध्रुव के नेतृत्व में सभी 10 जोन के अधिकारियों को विभिन्न पालियों में विसर्जन स्थल पर उनकी टीम के साथ तैनात किया गया था।
दक्ष कमान सेंटर और दो दर्जन कैमरों से हुई निगरानी
दुर्गा प्रतिमाएं पूर्ण आस्था के साथ शांतिपूर्ण, सुरक्षित व व्यवस्थित रूप से विसर्जित हो सके, इसके लिए दो दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरों से पूरे विसर्जन स्थल की निगरानी रखी गई, विसर्जित मूर्तियो के ढांचा, पूजन सामग्री व अन्य अवशेष इस बार विसर्जन कुंड से तुरंत निकालने की व्यवस्था नगर निगम द्वारा पहली बार की गई, जिससे कुंड का पानी प्रदूषण मुक्त रहा एवं आसपास फूल वह अन्य पूजा सामग्रियों का ढेर न होने से विसर्जन क्षेत्र पूरी तरह साफ सुथरा रहा।
30 गोताखोर,6 क्रेन और एन डी आर एफ. की टीम रही मौक़े पर
श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु भी इस बार विशेष दस्ते तैनात किए गए। नगर निगम के 30 गोताखोर व एन.डी.आर.एफ. की टीम भी मौके पर पूरे समय तैनात रही। महादेव घाट में मूर्तियों के विसर्जन हेतु पूरे समय 6 क्रेन की व्यवस्था भी नगर निगम प्रशासन ने कर रखी थी, जिस वजह से विसर्जन की पूरी प्रक्रिया सुगमता पूर्वक संपन्न होती रही।
जिला प्रशासन की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एंबुलेंस के साथ विसर्जन स्थल पर पूरे समय अपना कैंप कर 24 घंटे लगातार अपनी सेवाएं दी। श्रद्धालुओं को पेयजल, प्रसाधन की सुविधा देने पर्याप्त टैंकर व मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था उक्त स्थल पर रखी गई, साथ ही पूरे क्षेत्र में निर्बाध रोशनी हेतु नगर निगम द्वारा अपनी विभागीय व्यवस्थाओं के साथ राज्य विद्युत मंडल की सेवाएं भी विसर्जन स्थल पर ली गई।
ट्रैफ़िक व्यवस्था दुरुस्त होने से नहीं लगा जाम
प्रतिमा विसर्जन के दौरान आवागमन बाधित न हो, इसके लिए स्थानीय पुलिस व यातायात विभाग ने पूरे मार्ग पर एवं रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के दक्ष कमान सेंटर के हाई टेक कैमरों के माध्यम से विसर्जन स्थल, आवागमन व जनसमूह की लगातार निगरानी की गई।
ज़िला प्रशासन की सख़्ती से डीजे का शोर रहा नियंत्रित
रायपुर जिला प्रशासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण प्रबंधों हेतु विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए थे, जिसका पालन सुनिश्चित कराने हेतु नगर निगम व पुलिस की टीम की समझाईश का असर भी व्यापक तौर पर दिखा एवं बिना शोर शराबे के शांतिपूर्ण ढंग से प्रतिमाएं विसर्जन कुंड तक पहुंची। नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी ने शांतिपूर्ण व सुव्यवस्थित विसर्जन हेतु नियुक्त सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों सहित शहर के जनप्रतिनिधियों, दुर्गा पूजन आयोजन समितियों के पदाधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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