अंतरिक्ष में भारत कब बनाएगा अपना स्पेस स्टेशन? इसरो चीफ एस सोमनाथ ने दिया ये जवाब

नईदिल्ली I भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया है कि भारत की अपनी खुद की एजेंसी कब तक होगी. चीन की सरकारी मीडिया एजेंसी सीजीटीएन को दिए गए इंटरव्यू में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, भारत के पास आने वाले 20 से 25 सालों में खुद की स्पेस एजेंसी होगी.

इसरो चीफ ने बताया कि भारत का गगनयान कार्यक्रम अंतरिक्ष में  मानव अंतरिक्ष उड़ान की ओर बढ़ रहा है और अगर ऐसा होता है तो उसके बाद भारत अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन का निर्माण कर सकेगा. इसरो चीफ ने कहा गगनयान मिशन को 2021 में ही लॉन्च करने का लक्ष्य था लेकिन कोविड महामारी की वजह से ऐसा करना मुमकिन नहीं हो सका.

कैसा होगा भारत का अंतरिक्ष स्टेशन?
इसरो चीफ ने कहा कि गगनयान के बाद  इसरो का अगला कदम अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाना ही होगा. इसके बाद भारत का अगला लक्ष्य चंद्रमा पर मानव युक्त मिशन भेजना है. इसरो प्रमुख ने कहा हमारे पास बहुत ही स्पष्ट योजना है जिसके मुताबिक भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा और वह स्वतंत्र रूप से काम करेगा. हालांकि वह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से आकार में छोटा होगा.

क्या है अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की विशेषताएं
इसरो प्रमुख ने कहा कि उनसे पहले इसरो प्रमुख के सिवन का सपना था कि अंतरिक्ष में हमारा स्पेस स्टेशन सूक्ष्म प्रयोग करेगा. भारत के अंतरिक्ष स्टेशन का उपयोग पर्यटन के लिए वहां पर इंसानों को भेजना नहीं है. मालूम हो कि इस समय धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पांच देशों के संयुक्त उपक्रम से अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन काम कर रहा है. यह स्पेस स्टेशन महज 90 मिनट में धरती का 1 चक्कर पूरा कर लेता है. यूएस के प्रतिनिधित्व में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन 1998 में लॉन्च किया गया था. रूस भी इस स्पेस स्टेशन का बराबर का भागीदार था.

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