टमाटर के दाम घटने से सस्ती हुई वेज-नॉनवेज थाली

मुंबई । भारत में वेज थाली की कीमत अगस्त की तुलना में सितंबर में 17 फीसदी कम हो गई है। टमाटर की कीमतों में नरमी इसकी मुख्य वजह रही। गुरुवार को क्रिसिल द्वारा जारी “रोटी राइस रेट” रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई। वहीं, एक साल पहले की समान अवधि (सितंबर 2022) से तुलना करने पर वेज थाली की कीमत 1 फीसदी कम रही।


टमाटर की कीमतों में आई नरमी
अगस्त 2022 की तुलना में अगस्त 2023 में वेज थाली की कीमत में आश्चर्यजनक रूप से 24 फीसदी की वृद्धि हुई थी, जिसका मुख्य कारण टमाटर की कीमतों में 176 फीसदी की वृद्धि थी। सितंबर में टमाटर की कीमतें 62 फीसदी गिरकर 39 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं, जबकि अगस्त में यह 102 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। एक वेज थाली में आमतौर पर रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है।



क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना करता है। मासिक बदलाव से आम आदमी के खर्च पर असर दिखता है। डेटा से अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस सहित उन सामग्रियों का भी पता चलता है, जो थाली की कीमत में बदलाव लाते हैं।



LPG गैस सिलेंडर और मिर्च के दाम में कमी से भी सस्ती हुई वेज थाली
वेज थाली की कीमत में कमी LPG गैल सिलेंडर की कीमतों में कमी से भी प्रभावित हुई। सितंबर में LPG गैस सिलेंडर की कीमत 903 रुपये थी, जबकि अगस्त में इसकी कीमत 1,103 रुपये थी। इस तरह से सितंबर में गैस की कीमत 200 रुपये से ज्यादा कम है।



वेज थाली की कीमत में गिरावट में योगदान देने वाला एक अन्य कारक सितंबर में मिर्च की कीमतों में मासिक आधार पर 31 फीसदी की गिरावट थी। हालांकि, प्याज की कीमतों में मासिक आधार पर 12 फीसदी की वृद्धि हुई, जिससे वेज थाली की लागत में आई कमी की कुछ हद तक भरपाई हुई। एजेंसी के मुताबिक, खरीफ सीजन में अपेक्षित उत्पादन कम होने के कारण आने वाले महीनों में प्याज की कीमतें ऊंची रहने की आशंका है।


9 फीसदी सस्ती हुई नॉन वेज थाली

टमाटर की कीमतों में नरमी की वजह से नॉन वेज थाली की कीमत सितंबर में मासिक आधार पर 9 फीसदी कम हो गई। हालांकि, ब्रॉयलर की कीमतों में 2 से 3 फीसदी की वृद्धि नॉन वेज थाली की लागत में आई कमी की कुछ भरपाई करती है। नॉन वेज थाली की कुल लागत में चिकन की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा होती है। नॉन वेज थाली में दाल की जगह पर चिकन को रखा गया है।